फाइट व्हेयर एनिमी इज नॉट..
युद्ध नीति में सुंग जु को वही सम्मान हासिल है, जो साइंस में न्यूटन को, राजनीति में चाणक्य को, धूर्तता में मैकियवली या पाक कला में तरला दलाल को..
औऱ राहुल की रणनीति में सुंगजू की झलक देखना बड़ा इंटरेस्टिंग है।
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सुंग जु कहता है- अगर आप दुश्मन को और खुद को ठीक से जानते हैं, तो सौ युद्धों से भी डरने की कोई बात नहीं।
और राहुल को अपनी कमजोरियां पता है। सबसे पहली तो कांग्रेस की सांगठनिक कमजोरी है।इसे सुधारने में खास सफलता न मिली, तो वे अपनी ताकत, सहयोगी दलों के साथ झोंक रहे हैं।
उन्हें साथ खड़ा कर रहे है। वोट चोरी के मसले पर, जनता में जितना भी रेजोनेंस हो.. या न हो। मगर गैरभाजपाई तमाम पॉलीटकल क्लास, उनके पीछे आकर खड़ी हो गयी है।
यह उन्हें महज 99 सीट नही, 240 सीट की ताकत और पूरे देश मे स्वीकार्यता देती है। कुछ बरस पहले यह हालत न थी।
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वे लड़ रहे हैं- चुनाव आयोग से..
और कशमकश में भाजपा है।
वो जानती है, हमला दरअसल उसी पर है। खुलकर आये तो एक्सपोज हो रही है, खुलकर न आये तो फंस रही है। राहुल इज फाइटिंग..
व्हेयर एनिमी कैन नॉट स्टैंड ..
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संविधान की रक्षा, लोकतन्त्र को बचाने की अपील उन्हें बेहतरीन मोरल ग्राउंड देती है। और सुंग जू के अनुसार, युद्ध में ये जरूरी है।
हाई मोरल ग्राउंड लेना, आपकी फौज को ऊर्जा देता हैं। नैतिक सत्य के लिए, भूखा फौजी भी आखरी सांस तक लड़ता है। उधर घटिया राजनीति, गाली गुफ्तार, खरीद बेच, डराने औऱ फसाने का खेल, भाजपा इतना खेल चुकी है, कि कोई भी हाई मोरल ग्राउंड वाला शख्स उसके लिए, अपने असली आकार से बड़ी चुनौती बन जाता है।
तब राहुल का गाँधीत्व, हाथ में सम्विधान, कारपोरेट स्टाइल प्रेजेंटेशन मिलकर उन्हें ऐसे नायक की तरह स्थापित करती है, जिसके सामने भाजपा पिग्मी दिखती है।
और उसके नेता मूर्ख..
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एटम बम, हाइड्रोजन बम वगैरह जुमले भी वे छोड़ रहे हैं। सुंग जू कहता है, दुश्मन जब स्थिर हो, उसे हिलाएं। उसकी मेंटल पीस से खेलें।
उसके जेहन पर हौआ बनकर छा जाये।
तो जब राहुल कहते है कि “मुझे चुनाव आयोग के भीतर से मदद मिल रही है” वे दुश्मन की मानसिक शांति नष्ट करते हैं। हालांकि उनके इस जुमले पर मुझे यकीन नही।
मुझे लगता है कि कि राहुल के पास, दीगर तरीके से चुनाव आयोग का बैकइण्ड डेटा मौजूद है। चूंकि आयोग ऑफिशयली देने से इनकार करता है, तो उसे भविष्य में उसे यूज करने के पहले, वे वैलिडिटी का बेस बना रहे हैं।
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सुंग जु कहता है- अपनी योजनाओं को वे अंधकारपूर्ण, रहस्मय और अभेद्य रखो। राहुल के अगले हमले का किसी को पता नही। वे सुगबुगाहट पैदा करते हैं, अपनी पसंद के वक्त/स्थान पर हमला करते है।
कांग्रेस जैसे संस्थान में..और मोदी सरकार के सर्वेलियन्स राज्य में, वे अपनी रिसर्च, टीम, डेटा, औऱ अगले कदम को बखूबी गुप्त रख पा रहे हैं, यह साधारण प्रदर्शन नही।
उनका लक्ष्य बिहार, बंगाल या कोई स्टेट इलेक्शन, या लोकसभा नही। वे भाजपा आरएसएस की जड़ खोद रहे हैं। यह जाहिर कर रहे हैं कि हिंदुत्व का कानफोड़ू शोर, झूठा है।
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दरअसल इस सँगठन ने, हिंदुत्व नही, वोट चोरी के द्वारा सत्ता पे कब्जा किया हुआ है।
और वे EVM पर नही जा रहे। केवल ठोस, ब्लेक एंड व्हाइट, सूचियों का परीक्षण करके दिखा रहे हैं। गवाह सामने खड़ा कर रहे, अकाट्य सबूत दे रहे हैं, और पर्दे पर दुनिया को दिखा रहे हैं।
चुनाव आयोग और भाजपा के पास न कोई जवाब है, न कोई तोड़। सिवाय गालियो और वंशवाद के घिसे पिटे रिकार्ड के।
परसेप्शन की लड़ाई में राहुल बहुत आगे जा चुके हैं।
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वे यह बढ़त कायम रख पाएंगे, उसे चुनावी जीत में तब्दील कर पाएंगे, यह सवाल अभी भविष्य के गर्भ में है। क्योकि चुनाव किसी भी तरीके से हों, सांगठनिक रूप से कांग्रेस का पिछड़ापन, उसे भाजपा से पीछे ही रखेगा।
मगर संयुक्त विपक्ष की शक्ति से, निकट भविष्य में आरएसएस औऱ उसकी राजनीतिक विंग को सत्ता से बेदखल करने की सम्भावना असल दिखाई देती है। लस्त पस्त रही कांग्रेस के लिए यह अपने आपमे एक बड़ी उपलब्धि होगी।
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फिलहाल तो एक वक्त पप्पू करार दिए, राहुल गांधी अपनी रणनीतियों से बखूबी देश का राजनीतिक एजेंडा तय कर रहे हैं। उनकी रणनीतियों में अपनी झलक देखकर सुंग जू भी प्राउड करता।
चूंकि यह सुंग जू एक चीनी योद्धा था, तो भक्तगण को चाहिए कि इस नाते राहुल का चीन कनेक्शन साबित करने की कोशिश करें। दे शूड आल्सो फाइट
व्हेयर एनिमी इज नॉट..