
रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति कमिटी (MPC) की द्विमासिक बैठक में रेपो रेट में.25% की कटौती का निर्णय लिया है.MPC की बैठक में RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस बात की घोषणा की. रिजर्व बैंक द्वारा MPC की दूसरी द्विमासिक बैठक में लगातार रेपो रेट में कमी की घोषणा की गई है. इससे पहले की बैठक में लगभग पांच वर्षों के अंतराल में पहली बार रेपो रेट 6.5% से घटा कर 6.25% किया गया था. अब यह 6% कर दिया गया है. छह सदस्यीय एमपीसी द्वारा 7 अप्रैल से इसकी समीक्षा की जा रही थी. मॉनेटरी पॉलिसी की रेट सेटिंग पैनल ने अब मॉनेटरी पॉलिसी के मूल आधार को तटस्थ की जगह समावेशी बनाने पर भी सहमति व्यक्त की है. इस परिवर्तन से आगे भी रेपो रेट में कमी की संभावना व्यक्त की जा रही है.
MPC ने जीडीपी वृद्धि दर में भी कटौती करने का निर्णय लिया है. पहले वर्ष 2025-26 के लिए यह दर 6.7% तय की गई थी लेकिन अब इसे 6.5% कर दिया गया है. एमपीसी ने वर्ष 2025-26 में इनफ्लेशन रेट 4% रहने की संभावना व्यक्त की है. छह सदस्यीय एमपीसी ने खास कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ दर में परिवर्तन की घोषणा से उपजी वैश्विक बाज़ार की अनिश्चितताओं को देखते हुए यह निर्णय लिया है. एमपीसी के अनुसार टैरिफ रेट की बढ़ोत्तरी से मुद्रा स्फीति की दर में इजाफा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिससे विश्व स्तर पर आर्थिक विकास की दर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती से बैंकों से होम लोन, पर्सनल लोन और वाहन लोन लेने वालों की EMI (Equated Monthly Installment) में कमी आने की संभावना है. एमपीसी की लगातार दो द्विमासिक बैठकों में रेपो रेट में .5% की कटौती से बैंकों के डिपोजिट रेट में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है.