Breaking News
पीसीसी सड़क निर्माण पर पाबंदी... मरम्मत पर सालाना 20 करोड़ खर्च.. फिर भी राजभवन व रिम्स की सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे...  |  भाजपा ने हेमंत सोरेन पर लगाए आरोप... जानबूझकर सीएम ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में गलतियां छोड़ी.. जानबूझकर मामले को लटकाना चाहते हैं  |  मैक्लुस्कीगंज में बढ़ी नक्सल गतिविधियां.. नक्सलियों ने फिर जलाई गाड़ियां, कहा हमसे बात करें फिर करें काम..  |  भारतीय क्रिकेटर सौरभ तिवारी पहुंचे देवघर, बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा कर की टीम इंडिया में वापसी की कामना  |  सिंहभूम चैंबर चुनाव : आज होगा दावेदारों के भाग्य का फैसला.. किसके सिर सजेगा ताज, किस पर गिरेगी गाज..  |  झारखण्ड का मौसम : आज इन इलाकों में बिजली गिरने की चेतावनी, मौसम विभाग ने जारी किया यलो अलर्ट  |  लापरवाही की हद: पोस्‍टमार्टम के लिए रखे शव की नाक को चूहों ने कुतरा.. सफाई में अस्‍पताल प्रबंधन ने कही ये बात  |  वन्दे भारत : आज से हफ्ते में छह दिन पटना से हावड़ा के बीच चलेगी वंदे भारत, यात्रियों के खिले चे‍हरे, जानें पूरा टाइम टेबल  |  ससुर ने बेटी पर हुए अत्यााचार का बदला लिया.. कुल्हाहड़ी से मार-मारकर दामाद को मार दी.. थाने पहुंचकर किया सरेंडर..  |  पैसा तिगुना करने वाले बाबा.. मंत्र पढ़ लोगों को मालामाल बनाने का है दावा, जानें पूरी बात... Jamtara Crime News  |  
पर्यटन
25/05/2018 :14:34
क्या आप जानते भी हैं, की क्या अहमियत है? 'मामा-भांजा सराय'
 
स सराय का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहां के शासनकाल में 1627 से 1658 के बीच मामा-भांजा ने निर्माण कराया था।

क्या आप जानते भी हैं, की क्या अहमियत है? 'मामा-भांजा सराय'

 

न्यूज़ ग्राउंड (नई दिल्ली) आकाश मिश्रा  : इस सराय का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहां के शासनकाल में 1627 से 1658 के बीच मामा-भांजा ने निर्माण कराया था। आपको बता दें कि एक ज़माने में अंग्रेजों द्वारा हमारे ऊपर थोपे गए काले क़ानून और नीतियों के कारण स्थानीय निवासी चाहकर भी इस क़िले में कोई धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सकते थे। स्थानीय लोगों की मानें तो इस ऐतिहासिक धरोहर को सरकार को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए और इसे टूरिज़्म का रूप देना चाहिए, ताकि लोग इसके इतिहास के बारे में जानकारी हांसिल कर सकें। नाम ना बताने की शर्त पर घरौंडा के एक स्थायी ने बताया कि यह सराय आज कल नशाखोरों एवं शराबियों का अड्डा बन चुकी है। उन्होंने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि घरौंडा के लोगों से अगर इस सराय के इतिहास के बारे में पूछा जाए तो उन्हें इसके बारे में कुछ मालूम ही नहीं, क्योंकि सालों से यह सराय बिना मरम्मत के पड़ी हुई है।




झारखंड की बड़ी ख़बरें
»»
Video
»»
संपादकीय
»»
विशेष
»»
साक्षात्कार
»»
पर्यटन
»»


Copyright @ Jharkhand Life
')