उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल के धंस जाने से कई मजदूर उसमें फंस गए. बताया जा रहा है कि इसमें फंसे हुए 15 मजदूर झारखंड के रहने वाले हैं. अब झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का बयान आया है और उनका कहना है कि उनकी मदद के लिए एक प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड भेजा जा रहा है.
हेमंत सोरेन ने 'एक्स' पर लिखा, ''कल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन टनल के अचानक धंस
जाने से कुल 40 श्रमिकों के टनल में फंसे होने की सूचना मिली, जिसमें कुछ श्रमिक
झारखंड से भी हैं. झारखंड के श्रमिक भाइयों की मदद के लिए राज्य सरकार का तीन
सदस्यीय प्रतिनिधमंडल उत्तराखंड भेजा जा रहा है. टनल में फंसे हुए सभी श्रमिकों की
शीघ्र कुशलता की कामना करता हूं.''
ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग
पर सिलक्यारा और डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार तड़के ढह
गया जिससे 40 श्रमिक फंस गए, इस सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी एनएचआईडीसीएल ने सोमवार को मीडिया
को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि सुरंग के अंदर से ‘शॉटक्रेटिंग’ (कंक्रीट स्प्रे) के
साथ मिट्टी को हटाया जा रहा है जबकि ‘हाइड्रोलिक जैक’ की मदद से 900 मिमी व्यास के स्टील
पाइप को अंदर डालने की योजना बनाई जा रही है ताकि सुरंग में फंसे लोगों को निकाला
जा सके.
कंपनी ने कहा कि सुरंग में फंसे
श्रमिकों ने पुष्टि की है कि उन्हें खाने का सामान मिला है और वे सुरक्षित हैं.
रेल विकास निगम लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के भू-तकनीकी
विशेषज्ञों और इंजीनियर सहित कई अधिकारियों ने बचाव कार्य में सहायता के लिए
दुर्घटना स्थल का दौरा किया है.
उत्तरकाशी में 4,531 मीटर लंबी सिलक्यारा
सुरंग सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की चारधाम सड़क परियोजना का हिस्सा है.
इसका निर्माण एनएचआईडीसीएल 853.79
करोड़ रुपये की लागत से नवयुग
इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड से करा रहा है.