महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश फॉर क्वेरी के आरोपों की जांच कर रही एथिक्स कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है। बैठक के बाद वह अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को सौंपेगी। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, एथिक्स कमेटी महुआ की सांसदी खत्म करने की सिफारिश कर सकती है।
उधर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 500
पन्नों की रिपोर्ट में कमेटी ने महुआ मोइत्रा
के कार्यों को बेहद आपत्तिजनक, अनैतिक और आपराधिक बताया। कमेटी ने TMC सांसद के लिए कड़ी सजा की मांग की है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपी
की जांच अब CBI कर सकती है। निशिकांत दुबे ने बुधवार को X पर लिखा-
लोकपाल ने आज मेरी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ जी के
राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर CBI इन्क्वायरी का आदेश दिया है।
निशिकांत दुबे की पोस्ट के 40 मिनट बाद महुआ ने सोशल
मीडिया हैंडल पर लिखा-
मीडिया के लिए मेरा जवाब ये है:
1. CBI पहले 13 हजार करोड़ रुपए के कोयला घोटाले में अडाणी पर FIR करे।
2. राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध FPI स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित)
अडाणी की कंपनियां गृह मंत्रालय से क्लियरेंस के बाद पोर्ट-एयरपोर्ट खरीद रही हैं।
इसके बाद CBI का मेरे घर पर जूते गिनने आने के लिए स्वागत है।
महुआ ने पूछा कि क्या लोकपाल को सिर्फ मेरे केस के लिए जिंदा किया गया
है। गंभीर सवाल यह है कि कितने पत्रकारों को यह भी पता था कि मोदी के भारत में एक
लोकपाल भी काम कर रहा है? इस केस में नई जांच जोक पाल से कम नहीं है।
यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मोदीजी का लोकपाल अस्तित्व में है। कुछ
चुनिंदा लोगों को इसके बारे में जानकारी कैसे मिली। लोकपाल ऑफिस ने बयान जारी
क्यों नहीं किया?
क्या है पूरा मामला समझें...
· भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम
बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल
पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को
स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया।
· निशिकांत ने 21 अक्टूबर को महुआ पर एक और गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर
अपनी पोस्ट में लिखा- कुछ पैसों के लिए एक सांसद ने देश की सुरक्षा को गिरवी रख
दिया। मैंने इसे लेकर लोकपाल से शिकायत की है।
· उन्होंने कहा कि दुबई से संसद की ID खोली गई, जबकि उस वक्त वे कथित सांसद भारत में ही थीं। इस नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स
सेंटर (NIC) पर पूरी भारत सरकार है। देश के प्रधानमंत्री, वित्त विभाग, केंद्रीय एजेंसी यहां हैं। क्या अब भी TMC और विपक्षी दलों को राजनीति
करनी है। निर्णय जनता का है। NIC ने यह जानकारी जांच एजेंसी को दे दी है।
· एथिक्स कमेटी ने 27 अक्टूबर को महुआ को समन भेजा और 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया
था। महुआ ने इसी दिन एथिक्स कमेटी को लिखा था कि वे 5 नवंबर के बाद ही मौजूद हो पाएंगी। 28 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने
महुआ को 2 नवंबर को पेश होने को कहा।
· 6 नवंबर को महुआ ने दावा किया कि 7 नवंबर को होने वाली लोकसभा
की एथिक्स कमेटी की बैठक इसलिए स्थगित की गई ताकि कमेटी के मेंबर कांग्रेस सांसदों
को कार्यवाही से दूर रखा जा सके।
एथिक्स कमेटी में पूछताछ, बायकॉट
और उसके बाद महुआ के बयान...
I.
कमेटी का नाम बदल देना चाहिए, क्योंकि इसमें नैतिकता नहीं बची: महुआ ने कहा- समिति को
एथिक्स कमेटी (आचार समिति) के बजाय कोई अन्य नाम देना चाहिए, क्योंकि इसमें कोई नैतिकता नहीं बची है। चेयरमैन ने दुर्भावनापूर्ण और
अपमानजनक तरीके से सवाल किए। वहां मौजूद 11 में से 5 सदस्यों ने पूछताछ का बहिष्कार किया
II.
महुआ ने लोकसभा स्पीकर ओम
बिड़ला को लेटर लिखा: इस चिट्ठी में चेयरमैन विनोद सोनकर का बर्ताव अनैतिक, घिनौना और पूर्वाग्रह से भरा बताया। महुआ ने ये अनुरोध भी किया कि
पोर्टल के लॉगिन और पासवर्ड को साझा करने वाले नियमों का खुलासा करें। ये कभी
सांसदों को क्यों नहीं बताए जाते। यदि वे (नियम) थे तो हरेक सांसद इस ID और लॉगिन को कई लोगों के साथ साझा क्यों कर रहा है
III.
मेरी गरिमा को तार-तार करने
वाले प्रश्न पूछे : मैंने बार-बार विरोध जताया, ये कार्यवाही के रिकॉर्ड में
है। एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष मुझसे मुद्दे से संबंधित प्रासंगिक कोई भी सवाल जैसे
लॉगिन, गिफ्ट लेने के आरोप...लेकिन इन पर कोई प्रश्न नहीं हुआ। एक महिला के
रूप में मेरी गरिमा को तार-तार करने वाले व्यक्तिगत सवाल पूछे गए।
IV.
'चेयरमैन पूछते हैं- रात में किससे बात करती हैं' : महुआ मोइत्रा, दानिश अली और अन्य विपक्षी सांसद भड़कते हुए गुरुवार दोपहर 3:35 बजे एथिक्स कमेटी के दफ्तर से बाहर निकले। जब इनसे गुस्से का कारण
पूछा गया तो दानिश अली बोले- चेयरमैन पूछ रहे हैं कि रात में किससे बात करती हैं, क्या बात करती हैं। ये कैसी एथिक्स कमेटी है, जो अनैतिक सवाल पूछ रही है।
आरोप सही साबित हुए तो महुआ को सजा क्या मिलेगी
जिस भी सांसद पर ऐसे आरोप लगते हैं, उन्हें अपना पक्ष रखने का
मौका दिया जाता है। कमेटी जांच करेगी कि क्या ये किसी खास के हित में या उसके
बिजनेस को लाभ पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं। पूरी जांच कर एथिक्स कमेटी अपनी
रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को देगी।
अगर इसमें किसी भी तरह की सजा की सिफारिश की जाती है तो संसद में
रिपोर्ट रखे जाने के बाद सहमति के आधार पर उस सांसद के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता
है। वहीं स्पीकर को भी ये अधिकार है कि वो सेशन नहीं चल रहा हो तो कार्रवाई को
लेकर फैसला ले सकते हैं।