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उमेश कुमार झा, झारखण्ड लाइफ। 02/11/2023 :
गायों की सेवा के लिए घर गिरवी रख दिया, लीज पर जमीन लेकर गौशाला बनाई..
 
पलामू जिले के रहने वाले शिवेंदु शेखर वर्मा की अनोखी कहानी है. अपने माता पिता का ये लाडला बेटा अब जगत जननी गौ माता की सेवा में लगा है. इसके लिए उन्होंने 15 लाख के घर को एक साहूकार के पास गिरवी कर दिया. वहीं सालाना 15000 रुपए की दर से जमीन का एग्रीमेंट कराकर गौशाला में गाय की सेवा कर रहे हैं. गाय के प्रति इतनी श्रद्धा भक्ति है कि संकटग्रस्त गाय के बारे में पता चलते ही उसे अपने पास ले आते हैं.

 

शिवेंदु शेखर वर्मा ने बताया कि वर्ष 2014 में उनकी मां गुजर गई. जिसके बाद उनका जीना मुश्किल हो गया. पक्षियों और जीव जंतुओं में अपनी मां को ढूंढने लगे. फिर एक दिन उन्हें सड़क किनारे लावारिस बछड़ा दिखा. जिसे वो अपने घर ले आए. उसके बाद मां की बरसी के दिन एक बाछि खुद ब खुद घर पर आ गई. जिसके बाद गाय की सेवा करना शुरू की. इसी दौरान कोरोना काल में पिता गुजर गए. जिसके बाद अपनी पढ़ाई को छोड़ गौ वंश की सेवा में लग गए.

 

धीरे-धीरे गायों की संख्या बढ़ती गई. जहां भी संकट ग्रस्त गाय या बीमार गाय दिखती उसे अपने घर ले आते. कुछ गाय जिसे लोग बेचने जाते उसे दोगुना पैसा देकर अपने पास रखना शुरू किया. इसके बाद इनकी संख्या बढ़ती गई. आज करीब 42 गौ वंश की सेवा कर रहे हैं. इसमें उनके बहनों का भी खूब सपोर्ट मिल रहा है. इनकी सेवा के लिए खमडीह गांव में एग्रीमेंट पर जमीन लेकर गौशाला बनाई है.

 

उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 के उनकी लॉ की पढ़ाई पूरी हुई. हालांकि गौ वंश की सेवा के कारण वो बार एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए. वहीं आर्थिक सपोर्ट के लिए शहर के घर को 15 लाख में गिरवी रख दिया, जिससे वो गाय को पाल रहे हैं. वहीं बीमार गाय का इलाज भी स्वयं करते हैं. उन्होंने बताया कि ट्रक से गाय के पैर गंभीर चोटिल हो गए थे. सूचना मिलते ही पशुपालन विभाग की टीम के साथ पहुंचकर इलाज कराया और उसे अपने पास रखने लगे. इतना ही नहीं उसके लिए आर्टिफिशियल पैर भी खरीदे ताकि अच्छे से चल फिर सके. उनके पास 5 से 7 गाय ऐसी हैं, जो अलग अलग हादसे में चोटिल हुई. सुबह शाम इनका विशेष इलाज होता है.

 

उन्होंने बताया कि जिनके पास संकट ग्रस्त गाय रहती है. वो स्वयं यहां पहुंचा देते हैं या ये खरीद लेते है. वहीं लोग गाय के बीमार होने पर इलाज के लिए भी इन्हे बुलाते हैं. इनके अलावा इनकी बहन शशिबाला, सैलबाला, प्रीति रानी, प्रियंका रानी और दो लोग सुनील और सिकंदर भी गाय की सेवा करते हैं. उनका मानना है कि प्रकृति की ये अमूल्य धरोहर है, जिनकी रक्षा करना बेहद जरूरी है. हिंदू धर्म में इन्हें माता का दर्जा दिया गया है. जिनमें 33 कोटि देवी देवता विराजमान हैं. गौ वंश की सेवा कर उन्हें माता पिता की सेवा करने जैसा प्रेम मिलता है. उन्होंने बताया कि सरकार से अगर मदद मिले तो अच्छा होगा.

 



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