धनबाद के लिए यह और भी खास है, क्याेंकि यहां के दाे हाेनहार भी उस चंद्रयान-3 टीम के हिस्सा हैं, जिसने इसके लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की है। इनमें एक राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के 2011 बैच के पूर्ववर्ती छात्र सूरज कुमार हैं।
वहीं दूसरे आईआईटी आईएसएम, धनबाद के 2018 बैच के छात्र भरत कुमार हैं। दोनों ही बेहद साधारण परिवार से निकले हैं।
इन दोनों मेधावियों के संघर्ष और कड़ी मेहनत को आज धनबाद समेत पूरा देश सलाम
करेगा।
भिलाई के भरत कुमार आईआईटी धनबाद में मेकेनिकल
इंजीनियरिंग विभाग के पूर्ववर्ती छात्र हैं। बेहद गरीबी में पले-बढ़े भरत अभी
इसराे में सीनियर साइंटिस्ट हैं। उनकी स्कूलिंग केंद्रीय विद्यालय भिलाई से हुई
थी। वे बचपन से ही इंजीनियर बनना चाहते थे। तैयारी कर आईआईटी धनबाद में प्रवेश
पाया।
मेधावियों के मददगार रामदास जोगलेकर व वनजा भावे की
आर्थिक मदद से आईआईटी में पढ़ाई पूरी की। यहां 8 में 7 सेमेस्टर में
टाॅपर रहे और गाेल्ड मेडल हासिल किया। 2018 में भरत का इसराे में प्लेसमेंट
हुआ। आज इनकी सफलता से आईआईटी में भी हर्ष का माहौल है।
राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के पूर्ववर्ती छात्र सूरज
कुमार काे स्कूलिंग के दाैरान 4
साल बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड
मिला था। धनसार अनुग्रह नगर निवासी पिता पवन कुमार ठाकुर घरों में ट्यूशन पढ़ाकर
सूरज की पढ़ाई पूरी कराई। माता अनुराधा ठाकुर गृहिणी हैं। पिता ने बताया कि स्कूल
के बाद सूरज ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नाेलाॅजी में दाखिला
लिया, जहां भी वे टाॅपर रहे। वर्तमान में इसराे में सूरज एसडी
के पद पर हैं। पिता कहते हैं कि सूरज अब पूरे देश का बेटा है। पूरा मोहल्ला गदगद
है। चंद्रयान-3 की सफलता के लिए ईश्वर से कामना कर रहा है।