इस
मौके पर PM मोदी ने ट्वीट किया कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों
को श्रद्धापूर्वक याद करने का अवसर है, जिनका
जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद
दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना
पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन।
आज
‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नई दिल्ली के NDMC कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को शाम 5 बजे
संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में विस्थापित परिवारों को बुलाया जाएगा और त्रासदी
में प्राण गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
इसके तहत देश के सभी जिलों में विभाजन में जान
गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम होंगे। इसमें विभाजन की
त्रासदी झेलने वाले परिवारों को भी आमंत्रित किया जाएगा। विभाजन से संबंधित
डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी दिखाई जाएंगी।
भाजपा
ने अपनी राष्ट्रीय और राज्य इकाइयों को इस दिन प्रोग्राम करने की जिम्मेदारी दी
है। कार्यकर्ताओं को उन परिवारों से मिलना है जिन्होंने त्रासदी में अपनों को खोया
है। सोशल मीडिया पर अपनी यादें भी साझा करनी हैं। नई पीढ़ी को देश के बंटवारे के
बाद लोगों को होने वाली पीड़ा के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए विभाजन की
तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा भी की जाएंगी।
वहीं पूरे देश के साथ ही उत्तर प्रदेश इस बार भी पिछले साल की
ही तरह स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले यानी आज के दिन यूपी के 75 जिलों में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ का आयोजन किया जा रहा है. आपको
बता दूँ.. बीते साल भी उत्तर प्रदेश सरकार ने विभाजन की विभीषिका को याद करते हुए
इस त्रासदी के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' का आयोजन किया था.
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी विभाजन काल की विभिषिका को
याद करते हुए विभाजन के काल की विभिषिका को याद किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा 'देश के इतिहास में 14 अगस्त की तिथि कभी न भूलने वाली
तिथि है. आज ही के दिन मजहबी और नफरती मानसिकता ने भारत का दु:खद विभाजन किया, जिसके दुष्परिणामस्वरूप असंख्य
देश वासियों ने यातनाएं झेलीं और अपनी जान गंवाई. 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के अवसर पर बलिदान हुए सभी
नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि!, इस क्रूर-वीभत्स यातना के साक्षी सभी नागरिकों के प्रति मेरी
संवेदनाएं हैं.'
जानकारी के अनुसार इस बार उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में उन विस्थापित परिवारों
को आमंत्रित किया जाएगा जिन्हें विभाजन के दौरान अपने घर छोड़ने पड़े थे. इन
कार्यक्रमों के दौरान त्रासदी में प्राण गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि भी दी
जाएगी.
आपको बता दूँ.. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में घोषणा की थी कि हर साल 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी।
पीएम
ने कहा कि उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित
करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक
सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।
आपको बता दूँ.. आजादी के समय साल 1947 में देश ने आजादी पाई थी, मगर देश को दो टुकड़ों में बांटे जाने का जख्म भी झेलना पड़ा। देश का विभाजन होने पर लाखों
लोगों ने अपने प्राण गंवा दिए थे. इस दौरान भारत से कटकर पाकिस्तान नया देश बना जिसके बाद में पाकिस्तान के
पूर्वी हिस्से ने 1971 में बांग्लादेश के तौर पर एक नए देश की शक्ल ली।
भारत के इस भौगोलिक
बंटवारे ने देश के लोगों को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया था। ऐसे में इस त्रासदी में
प्राण गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देकर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के
आयोजन के जरिए भेदभाव, मनमुटाव, दुर्भावना
को खत्म कर एकता, सामाजिक सद्भाव व की भावना को बढ़ाया जाएगा। यानी हम कह सकते है विभाजन
विभीषिका स्मृति दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विभाजन के समय जान गंवाने वालों
को याद करते हुए आपस में व्याप्त भेदभाव को खत्म कर सामाजिक सद्भाव व मानव
सशक्तिकरण की भावना को बढ़ाना है.