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उमेश कुमार झा, झारखण्ड लाइफ। 19/07/2023 :
जापान के टोक्यो में शिवभक्तों ने निकाली कांवड़ यात्रा.. हो रही वायरल..
 
Kanwar Yatra 2023 शिव के पावन मास सावन के सुअवसर पर देश के कई श्रद्धालु जगह-जगह से कांवड़ यात्रा पर निकले हैं। अब कांवड़ का यह महोत्सव विदेशों में भी देखने को मिल रहा है।


भगवान शिव के पावन मास सावन के सुअवसर पर देश के कई श्रद्धालु जगह-जगह से कांवड़ यात्रा पर निकले हैं। अब कांवड़ का यह महोत्सव विदेशों में भी देखने को मिल रहा है। जापान की राजधानी टोक्यो में रहने वाले बिहार-झारखंड के लोग कांवड़ यात्रा पर निकले हैं।

जापान की राजधानी टोक्यो में रह रहे बिहार-झारखंड के लोग कांवड़ यात्रा पर निकले हैं। जापान के टोक्यो में बिहार व झारखंड के करीब 250 परिवार रहते हैं। उनकी ओर से बिहार-झारखंड एसोसिएशन बनाया गया।

घर में बनी कांवड़ और सुल्तानगंज से मंगाया गया गंगा जल लेकर करीब 50 लोग टोक्यो से 90 किमी दूर साई तमा शिव मंदिर पहुंचे, जहां दक्षिण भारत के पंडित ने विधिवत पूजा-अर्चना करवाई तथा कांवड़ लेकर आने वाले सभी लोगों ने भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया।

बिहार के रहने वाले अमित कुमार जापान की मर्करी कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। इनके पिता मिथिलेश कुमार हाई कोर्ट में प्रोटोकाल आफिसर रहे हैं। अमित कुमार ने दूरभाष पर दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि जापान की राजधानी टोक्यो में बिहार और झारखंड के करीब 250 परिवार रहते हैं। उनकी ओर से बिहार-झारखंड एसोसिएशन बनाया गया।

फाउंडेशन के माध्यम से सभी त्योहार-पर्व का आयोजन किया जाता है। खास बात है कि फाउंडेशन को बिहार सरकार का समर्थन प्राप्त है। कांवड़ यात्रा के आयोजन पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अरलेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शुभकामना संदेश भी भेजा गया है। कांवड़ यात्रा के पीछे एक मात्र उद्देश्य है दूर देश में रहकर अपनी कला संस्कृति और धार्मिक आस्था को बनाए रखना है। छठ पूजा के बाद विश्व में कांवर यात्रा को भी बढ़ावा देना है।

इस्कॉन मंदिर में कांवड़ की हुई पूजा और निकली यात्रा

टोक्यो के फुनाबोरी स्थित इस्कॉन मंदिर के वीसीसी हाल में कांवड़ यात्रा से पहले कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले अमित कुमार बताते हैं कि यात्रा से 15 दिन पहले सभी ने अपने हाथों से कांवड़ बनाई और उसे सजाया। इसके बाद सुल्तानगंज से गंगाजल मंगाया गया, जिसे सभी कांवड़ियों को दिया गया।

इस्कॉन मंदिर में कांवड़ की विधिवत पूजा करने के बाद सुबह साढ़े आठ बजे यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में 50 कांवड़िए शामिल रहे, भारत के राजदूत सीबी जॉर्ज ने यात्रा की पारंपरिक तरीके से शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भारत से दूर अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बिहार-झारखंड के प्रवासी बधाई के पात्र हैं।
सभी पांच किमी तक पैदल चले और वहां से बस के जरिए 90 किमी दूर साईतम स्थित शिवमंदिर पहुंचे, जहां पर सभी ने जलाभिषेक किया। उक्त मंदिर बांग्लादेश और नेपाल के लोगों ने बनाया है। 



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