स्कूली शिक्षा एवं
साक्षरता विभाग ने देश भर के स्कूली बच्चों के ऑनलाइन पठन-पाठन को लेकर रिपोर्ट
तैयार की है. शिक्षा विभाग द्वारा रिपोर्ट असर (एनअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट)
के कराये गये सर्वे के आधार पर तैयार की गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड
के 47.9 फीसदी स्कूली बच्चों के पास स्मार्टफोन है.ऑनलाइन पढ़ाई के मामले में
झारखंड की स्थिति कई राज्यों से बेहतर है.
राजस्थान, ओड़िशा, पश्चिम
बंगाल और बिहार की तुलना में झारखंड की स्थिति बेहतर है. 22.4 फीसदी बच्चों को
व्हाट्सएप के माध्यम से लर्निंग मैटेरियल भेजा जा रहा है. झारखंड में 17 मार्च से
विद्यालय बंद है. सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा एक से
12वीं तक कुल 42 लाख बच्चे नामांकित हैं . झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा बच्चों
को ऑनलाइन लर्निंग मैटेरियल भेजा जा रहा है.
ऑनलाइन पढ़ाई मामले में पंजाब पहले स्थान पर
है. केरल दूसरे और हिमाचल प्रदेश तीसरे स्थान पर है. इन राज्यों में स्मार्टफोन का
उपयोग कर ऑनलाइन पढ़ाई करनेवाले बच्चों का प्रतिशत 80% के करीब है, जबकि
उत्तराखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य
प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक
व छत्तीसगढ़ झारखंड से बेहतर है.
बच्चों के ऑनलाइन पठन-पाठन के मामले में झारखंड
की स्थिति बिहार, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मेघालय, असम, आंध्र
प्रदेश उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, ओड़िशा, राजस्थान
की तुलना में बेहतर है.
राज्य के स्कूलों में नामांकित 47.9% बच्चों के
पास उपलब्ध है स्मार्टफोन
झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा स्कूली बच्चों के पठन-पाठन को लेकर दो ऐप तैयार किये गये हैं. कक्षा एक से आठ तक व नौ से 12 वीं के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग ऐप तैयार किये गये हैं. कक्षा नौ से 12वीं तक के लिए तैयार किये गये ऐप पर लगभग तीन लाख बच्चों ने अपना पंजीयन भी कराया है.