ग्रामीण कार्य विभाग के
निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (PC एक्ट) की
धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ED ने राज्य सरकार से अनुशंसा की है।
--- ED ने राज्य सरकार को वीरेंद्र राम के विरुद्ध अब तक
हुए अनुसंधान से संबंधित पूरी रिपोर्ट सौंपी है। ED ने बताया है कि वीरेंद्र राम ने टेंडर में कमीशनखोरी कर करीब
सवा सौ करोड़ की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है।
आपको बता दूँ.. पूर्व में ACB
ने सबसे पहले जमशेदपुर में उनके चचेरे भाई आलोक रंजन के आवास से 2.67 करोड़ रुपये नकदी जब्त किया था। इसके बाद छानबीन में
पता चला था कि उक्त राशि वीरेंद्र राम के हैं।
--- इसी केस को ED ने मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान के लिए टेकओवर
किया और छानबीन में वीरेंद्र राम व उनके स्वजनों के पास अकूत संपत्ति होने की
जानकारी का खुलासा किया। ED ने उनके चचेरे
भाई आलोक रंजन को भी गिरफ्तार किया है और वह भी जेल में है।
--- ED ने राज्य सरकार को बताया है कि वीरेंद्र राम ने
भ्रष्टाचार से अकूत संपत्ति अर्जित की है। उन पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में
केस दर्ज के पर्याप्त सबूत हैं, इसलिए PC एक्ट में केस दर्ज किया जा सकता है।
--- इससे पहले ED को छापेमारी में वीरेंद्र राम के जमशेदपुर स्थित
आवास से 40 लाख रुपये नकदी के
अलावा 1 करोड़ 51 लाख 60 हजार 982 के जेवरात मिले थे। इसके अलावा, करोड़ों के निवेश से संबंधित जानकारी भी ED को मिली थी।