बाबूलाल मरांडी IAS छवि रंजन की गिरफ्तारी के बाद से लगातार हेमंत सरकार पर हमला बोल रहे हैं. ताजा मामले में एक बार फिर से बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया, 'धीरे धीरे खुलासा होगा कि ये “छवि रंजन -प्रेम प्रकाश मॉडल” पूरे झारखंड में व्याप्त है और इनकी जड़ें कितनी गहरी है.' ट्वीट के साथ उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की है और रिश्वतखोरी का बात कही है. तस्वीर के माध्यम से बाबूलाल मरांडी ने दर्शाया है कि झारखंड में अंचल कर्मचारी से लेकर सीएम तक सब करप्ट हैं.
--- एक अन्य ट्वीट में
बाबूलाल मरांडी ने लिखा है की, 'झारखण्ड में जमीन
लूट का मास्टरमाइंड छवि रंजन हर अंचल से ढाई लाख रुपये की फिक्स्ड रिश्वत लेता था, जाहिर है अंचलाधिकारी उससे कहीं ज्यादा वसूल कर अपना
कट काट कर साहेब को चढ़ावा देते होंगे. 263 अंचलों से साढ़े 6 करोड़ से अधिक
राशि तो हर महीने फिक्स्ड थी, फिर बड़े जमीनों
में करोड़ों का खेल. अब कल्पना करिए कि एक अंचलाधिकारी कैसे गरीब किसानों और
रैयतों से भी रिश्वत वसूल कर ऊपर तक पहुंचाता होगा? सुदूर गांवों का त्रस्त किसान कैसे अपनी पीड़ा ऊपर तक पहुंचाएं? गरीबों की शिकायतें ऊपर तक नहीं पहुंचे, इसके लिए सोरेन सरकार ने पहले ही BJP सरकार की 181 सेवा को बंद करा दिया था.'
--- ट्वीट में मरांडी ने आगे
लिखा है, 'अब न छोटे
कर्मचारियों की कोई जवाबदेही न ही अफसरों की. हर स्तर से वसूली करने के लिए नीचे
से ऊपर तक तगड़ा नेटवर्क बनाया गया था. प्रेम प्रकाश, पूजा सिंघल, छवि रंजन, अमित जैसे कई लोग
सरकार के लिए रिकवरी एजेंट के रूप काम करते रहे. अब जब एक एक करके इनके एजेंट पकडे
जा रहे हैं, तो सरकार की बोलती
बंद है. दारू घोटाला, अवैध पत्थर, बालू, कोयला खनन घोटाला, जमीन घोटाला, ट्रांसफ़र घोटाला, ठेका-पट्टा घोटाला हर तरीके से सोरेन सरकार ने राज्य और
राज्यवासियों को लूटा है. इतना सबकुछ सामने आने के बाद भी राज्य का मुखिया अनजान
बनने का ढोंग रचता है और आदिवासी होने की दुहाई देकर अपने पापों को ढकने की कोशिश
करता है. जल्द ही इनके सिंडिकेट के मास्टरमाइंड से लेकर हर स्तर के एजेंट होटवार
जेल का आनंद लेंगे. ये नटरवरलाल समान प्रेम की “लूट प्रेम लीला” न जाने और कितने को जेल पंहुचवायेगा?
--- वहीं, लैंड स्कैम मामले में ED की जांच में ये बात सामने आई है कि रांची के रियल
इस्टेट कारोबारी विष्णु कुमार अग्रवाल द्वारा IAS छवि रंजन को गोवा टूर करवाया गया था. विष्णु अग्रवाल ने IAS छवि रंजन के गोवा के ताज फोर्ट अगुआडा में उनके
रहने-खाने की व्यवस्था की थी. विष्णु अग्रवाल ने अपने कर्मचारी के माध्यम से
दिल्ली के एक ट्रेवेल एजेंट को छवि रंजन के गोवा टूर के लिए नगद रुपयों का भुगतान
किया गया था. ED ने विष्णु कुमार
अग्रवाल के मोबाइल को जब्त किया है, जिसकी फोरेंसिक जांच के बाद मोबाइल के डेटा से ये बातें सामने आई हैं.