JEPC ने सभी DEO को निर्देश भेजकर
स्कूलों के लिए कार्यक्रम तय किया है। आखिर कितने बच्चों का नामांकन नहीं हुआ, इसका सही डाटा JEPC के पास नहीं है, पर राज्य परियोजना
निदेशक किरण कुमारी पासी स्वीकार करती हैं कि अभी भी 35 से 40 प्रतिशत स्कूलों में नामांकित बच्चे नियमित विद्यालय नहीं आ रहे हैं।
--- ‘प्रयास’ के बारे में जानकारी दी गई है कि इसके अंतर्गत सितंबर तक सभी अनामांकित
बच्चों का नामांकन कराना है। इसी अवधि तक ड्रॉप आउट दर को भी जीरो पर लाना है। एक
वर्ष में शिशु पंजी को दो बार अपडेट करना है। इसके लिए सभी जिलों के एक सहायक
कार्यक्रम पदाधिकारी और प्रत्येक प्रखंड के एक प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को नोडल
पदाधिकारी बनाना है। स्कूलों में सभी बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराना
है।
--- JEPC की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों में बच्चों
की नियमित उपस्थिति कम हुई है। पिछले वर्ष जहां 53 प्रतिशत बच्चों के स्कूल आने की सूचना थी, वहीं इस साल के प्रारंभ में उपस्थिति 40 प्रतिशत पर ठहर गई थी। नये शैक्षणिक सत्र में
बच्चों के स्कूल आने की दर थोड़ी बढ़ी है, पर इसे संतोषजनक नहीं माना जा रहा है।
--- इस सन्दर्भ में शिक्षा
सचिव के. रवि कुमार कहते हैं, ‘प्रयास’ विद्यालय में होनेवाली एक ऐसी गतिविधि है, जिसके माध्यम से हम विद्यालय से अनुपस्थित रहनेवाले
सभी बच्चों की पहचान कर सकते हैं। उनके अनुपस्थित रहने के कारणों की पड़ताल कर सकते
हैं और इनके नियमित करने के उपाय कर सकते हैं। हम पहले से भी ऐसा करते आए हैं। इसे
संशोधित करते हुए पुन: लागू कर रहे हैं।