प्रोटेक्शन ऑफिसर डॉक्टर कृष्णा कुमार तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली के आदेश में प्रदूषित जल की समस्या से निजात पाने के लिए ग्रामीणों को विभिन्न तकनीकी ज्ञान से शुद्ध जल पीने योग्य बनाने के लिए आवश्यक जानकारी दी गई है। साथ ही उन्होंने चुआं तथा अन्य जमा जल पीने के कई नुकसान के बारे में भी बताया।
--- उन्होंने बताया कि इस
प्रकार की अशुद्ध जल पीने से शरीर में कमजोरी, ऐंठन, पेचिश, हैजा, डायरिया, टाइफाइड, त्वचा रोग, ट्रेकोमा
आदि होने का खतरा रहता है। ऐसी स्थिति को संभालने के लिए झाड़- फूंक, ओझा के पास न जाकर टॉल फ्री नम्बर 108 पर कॉल कर मरीज को तत्काल हॉस्पिटल ले जाना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने युवाओं
को धूम्रपान के दुष्प्रभाव के बारे में सलाह दी तथा उन्हें भी जागरूकता अभियान
चलाने के लिए प्रेरित किया। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी गीता सोय ने बताया कि
यदि किसी व्यक्ति को सांप या अन्य जहरीले जीव काट ले तो मरीज को झाड़ - फूंक कराने
की बजाय जल्दी से सबसे पहले नजदीकी अस्पताल ले जाएं।