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राज्य में ऐसा पहली बार होगा, जब उत्पाद विभाग के सिपाहियों की नियुक्ति पुलिस मुख्यालय करेगा। मुख्यालय ने गृह विभाग से नियुक्ति पर होने वाले खर्च की राशि मांगी थी, लेकिन गृह विभाग ने कहा कि यह खर्च उत्पाद विभाग ही वहन करेगा।
राज्य गठन के बाद से ही
उत्पाद विभाग सिपाहियों की कमी से जूझ रहा है। इससे सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला
विभाग पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहा है। हालत यह है कि विभाग में अधिकारियों
और कर्मचारियों के स्वीकृत पदों की तुलना में महज 17.82 परसेंट पद ही भरे हैं।
सबसे ज्यादा जरूरी उत्पाद
सिपाही के 622 पदों में से सिर्फ
33 सिपाही ही कार्यरत
हैं। उत्पाद उपायुक्त के चार पद हैं, लेकिन सभी खाली पड़े हैं। कुल स्वीकृत 1066 पदों में से 178 पर अधिकारी और
कर्मचारी नियुक्त हैं, जबकि 888 खाली पड़े हैं।