धनबाद में टुंडी, तोपचांची, मैथन और पंचेत में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसी कड़ी में टुंडी के जंगलों में वॉच टावर बनाने की योजना है।
उसके जरिए पर्यटक जंगल के
बीच ऊंचाई से हरियाली और वन्य जीवों को भी देख सकेंगे। टुंडी के जंगलों में साल के
हाथियों का दल महीनों तक निवास करता है। हाथी साहेबगंज, जामताड़ा और गिरिडीह होते हुए धनबाद के टुंडी और
तोपचांची के पहाड़ी इलाके में आते-जाते रहते हैं। उन्हें प्राकृतिक वातावरण में
करीब से देखना पर्यटकों के लिए निश्चित रूप से बेहद रोमांचक होगा। इसे ध्यान में
रखकर ही टुंडी के जंगलों में वॉच टॉवर बनाने की पहल की जा रही है। इसके बाद
तोपचांची और अन्य इलाकों में भी जंगलों के बीच और पहाड़ियों के निकट वॉच टावर बनाए
जाएंगे।
मैथन और पंचेत डैम में भी
इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर कार्य चल रहा है। इसके तहत मैथन डैम में सबसे पहले
पर्यटकों के लिए बोटिंग की शुरुआत की जाएगी। जिला प्रशासन और वन विभाग का प्रयास
है कि अगले 6 महीने में मैथन
डैम में बोटिंग की शुरुआत कर दी जाए। इसके बाद यहां पर्यटकों के लिए और भी कई
चीजों की शुरुआत की जाएगी। वहीं, पर्यटन विभाग के
साथ खेल विभाग मैथन डैम में एडवेंचर स्पोर्ट्स विकसित करने की दिशा में भी काम कर
रहा है।
तोपचांची झील को भी इको
टूरिज्म को ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा। यहां चारों तरफ फैली पहाड़ियां और
उनके बीच झील मनोरम छटा बिखेरती है। पर्यटक झील और पहाड़ियों को करीब से आनंद उठा
सकें, इसके लिए यहां इको
टूरिज्म संबंधी विकास के कार्य किए जाएंगे।
इस सन्दर्भ में धनबाद DFO
विकास पालीवाल ने कहा की - "धनबाद में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास
किया जा रहा है। राज्य सरकार का भी इको टूरिज्म पर खास फोकस है। टुंडी के जंगलों
में वॉच टावर बनाने की योजना है। इससे पर्यटक हाथी समेत दूसरे वन्य जीवों को देख
पाएंगे।",