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उमेश कुमार झा, झारखण्ड लाइफ। 19/04/2023 :
किसानों के प्रिजर्वेशन यूनिट में बड़ा घोटाला.. करोड़ों रुपए की अनुदान राशि का गबन किया
 
झारखंड में किसानों को अनाज और सब्जियों को सुरक्षित रखने के दिए गए प्रिजर्वेशन यूनिट में बड़ा घोटाला हुआ है। बागवानी मिशन के अधिकारियों की मिलीभगत से आपूर्तिकर्ताओं ने किसानों को घटिया प्रिजर्वेशन यूनिट बांटकर करोड़ों रुपए की अनुदान राशि का गबन किया है। इसका खुलासा सरकार की जांच कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट में हुआ है।


आपको बता दूँ.. संयुक्त निदेशक अजेश्वर प्रसाद सिंह ने गड़बड़ी की जांच की है। उन्होंने 10 अप्रैल को 517 पन्नों की अंतरिम रिपोर्ट कृषि विभाग के सचिव को सौंपी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई जिलों में किसानों को घटिया प्रिजर्वेशन यूनिट दी गई है। इसमें करोड़ों रुपए के गबन की आशंका है। रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। हालांकि अभी फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है।


--- दरअसल मामला ये है की..  बागवानी मिशन योजना के तहत किसानों को दो लाख की एक प्रिजर्वेशन यूनिट देनी थी। इसमें एक लाख रुपए किसानों से लेना था, जबकि एक लाख रुपए सरकार से अनुदान के तहत कंपनियों को मिलना था। लेकिन, आपूर्तिकर्ताओं ने किसानों को दो लाख की जगह 25 हजार की घटिया प्रिजर्वेशन यूनिट बांट दी। नतीजतन कुछ माह बाद ही यूनिट बेकार हो गई। किसानों को यूनिट चलाने के लिए ट्रेनिंग भी नहीं दी गई।


--- झारखंड में यह योजना 2016-17 से शुरू हुई और वर्ष 2022 तक चली। इसका उद्देश्य किसानों द्वारा उपजाए गए मसाले, सब्जियां और फलों को संरक्षित रखने के लिए प्रिजर्वेशन इकाई देना था। यह योजना रांची, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा, गोड्डा और खूंटी जिले में चलाई गई। सिर्फ बोकारो में पिछले तीन सालों में 74 किसानों को प्रिजर्वेशन यूनिट दी गई। घटिया यूनिट की सप्लाई का असर यह हुआ कि सरकार के 18 करोड़ रुपए अनुदान देने में खर्च हो गए और यूनिट भी कंडम हो गई।


--- योजना से जुड़े खूंटी के एक किसान राम मनोहर ने कहा है कि उन्होंने प्रिजर्वेशन यूनिट के लिए मदद नहीं मांगी। फिर भी उपकरण घर पहुंचा दिया गया। बाद में पता चला कि यह प्रिजर्वेशन यूनिट है। फिलहाल यह उपकरण कपड़े सुखाने मेे काम आ रहा है। यूनिट की ट्रेनिंग और उपयोगिता के लिए किसी ने अब तक संपर्क नहीं किया है।


­--- वहीँ इस मामले में जांचकर्ता संयुक्त निदेशक कृषि अभियंत्रण अजेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा की – “उन्होंने अपनी रिपोर्ट विभागीय सचिव को सौंप दी है। रिपोर्ट के संबंध में कोई भी जानकारी विभागीय सचिव ही दे सकते हैं। फाइनल रिपोर्ट भी जल्द ही सौंप दी जाएगी।"



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