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पर्यटन

उमेश कुमार झा, झारखण्ड लाइफ। 15/04/2023 :
जल रहा पारसनाथ का जंगल : औषधियुक्त पेड़-पौधे नष्ट हो रहे हैं.. न वन विभाग आग बुझाने को सजग है न ही कोई संस्था.. सिर्फ स्थानीय कोशिश कर रहे..
 
पारसनाथ जंगल भीषण आग की चपेट में है। लेकिन न तो वन विभाग आग बुझाने को लेकर सजग है और न ही मधुबन की कोई संस्था। सिर्फ स्थानीय युवक और पर्यावरण प्रेमी अपनी जान पर खेल आग पर काबू पाने की कोशिश में जुटे हैं।


--- जी हाँ.. पारसनाथ पर हक जताने वाले सारे दावेदार इस अस्तित्व के मसले पर भूमिगत हो गए हैं। वहीँ.. यह आग वन्य जीवों के लिए जी का जंजाल बन गया है। रोज सैकड़ों जीव-जंतु आग की चपेट में काल के गाल में समा रहे हैं,  आग से इस घने जंगलों में स्थित औषधियुक्त पेड़-पौधे नष्ट हो रहे हैं।


--- पारसनाथ को लेकर सभी धर्म समुदाय के लोग वर्चस्व को लेकर शक्ति प्रदर्शन करते रहे, पर जब पारसनाथ के अस्तित्व बचाने की बात आई तो कोई नहीं दिखता, तब सिर्फ और सिर्फ स्थानीय ही आग पर नियंत्रण करने की कोशिश में जुटे हैं।


­--- भीषण गर्मी की शुरुआत हाेने के साथ ही आग अपना उग्र रूप धारण कर.. कई जंगलों की तरह.. पारसनाथ के हरियाली को भी श्मशान में तब्दील कर रहा है। युवा एक छोर की आग बुझाते हैं तो दूसरी ओर आग लग जाती है। वहीँ वन विभाग सिर्फ नियम पूरा कर रहा है। यहां तक कि वन सुरक्षा समिति के युवाओं को जरूरत के उपक्रम की व्यवस्था करने से भी संस्थाएं कतरा रही है।


---  आपको बता दूँ.. पारसनाथ पर्वत झारखंड-बिहार की सर्वोच्च चोटी है। जैन धर्म में 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की मोक्ष भूमि है, जिसका कण कण पूज्यनीय माना जाता है। विश्व के कोने कोने से सालों भर तीर्थ यात्री इस पर्वत के दर्शन वंदन हेतु आते हैं और पर्वत की शाश्वतता के लिए तथा धर्म रक्षा के लिए लाखों रुपए दान करते हैं। इस विशाल पर्वत की सुंदरता पेड़-पौधों और वन्यजीवों से कायम है।


--- पारसनाथ पर्वत पर जड़ी बूटी के कई पौधे हैं... औषधियों के उपयोग में आने वाले पेड़-पौधों में रक्तरोहन,   तिखुर,   सतमुलिया,   गिलोय,   अर्जुन,   कालमेघ,   कामराज,   भेंगराज,   हड़जोर,   सपगद,   चिरैता,   चरका साग,   चरका सिनवार,   चरका परास,   विधानता प्रसाद,   रैपान,   अलग जड़ी,   पताल कोहंडा,   पताल दूधी,   कनॉज जड़ी,   जंगली बैगन,   जंगली प्याज,   लाजवंती,   चिनियामार,   रैली,   रंगयेनी,   गंधेनि,   माधव लत  आदि हंै। साथ ही हरय,   बहेड़ा,   आंवला,   जैसे गुणकारी और चंदन जैसे बेस कीमती पेड़-पौधे भी इस जंगल में हैं।

 



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