झारखण्ड में भले ही सरकार को गरीबों की झोपडी नहीं दिख रही हो, संकरी गली में, छोटे कस्बों में, पिछड़े बस्तियों में. झुग्गे, झोपडी, जर्जर घर में रहने वाले न दिख रहे हो.. फूटपाथ पर बेघर परिवार, कच्चे घर न दिख रहे हो.. इन गरीब परिवारों के लिए आवास निर्माण भले ही न कर रहे हो.. इनके लिए कोई योजना जमीन और बजट नहीं दिख रही है.. पर राज्य के मंत्रियों और विधयको के लिए जरुर आवास बनाये जा रहे है.. इन्हें गांवों में सक्री गली सक्री बस्ती में छोटे से क्षेत्र में हजारो परिवार की तकलीफ न दिख रही हो, पर इनके योजना में विधायकों के लिए मात्र 70 आवासों का निर्माण के लिए 45 एकड़ जमीन दिख रही है...
सरकार को राज्य के गरीब जनता की,, किसानों की....
जिसकी जिंदगी तकलीफ से गुजर रही है, जो असमर्थ है.. उन्हें घर, रोजगार, सड़क, पानी, बिजली इत्यादि बुनियादी
जरूरत की सुविधाएं देने से ज्यादा महत्वपूर्ण राज्य के मंत्रियों और विधायको को
सुख सुविधा देना लग रहा है, जबकि इनके पास पैसा घर संपदा और सामर्थ्य सब कुछ है.
जी हाँ.. HEC इलाके में
राज्य के मंत्रियों के बन रहे आवास के बाद अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायकों
के लिए बन रहे आवास निर्माण को गति देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों
को निर्देश दिया कि ग्रेटर रांची डेवलपमेंट अथॉरिटी (यानी GRDA) मास्टर प्लान के
तहत सीवरेज-ड्रेनेज, सड़क, पानी, बिजली जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराएं, ताकि योजनाबद्ध तरीके से विधायकों का आवास निर्माण हो सके। उसमें तेजी आ
सके। वहां समय रहते सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
GRDA की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को विधायकों के आवास
निर्माण से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी। आपको बता दूँ कि योजना के अनुसार विधायकों
के लिए 45 एकड़ भूमि पर लगभग
70 आवासों का निर्माण
किया जाना है।
इसके अलावा बैठक में GRDA के बजट, CSR पर होनेवाले खर्च आदि पर भी चर्चा की गई। बजट निर्माण और एकाउंट्स
दुरुस्त करने की हिदायत दी गई। बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, वित्त सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव-सह-GRDA निदेशक विनय कुमार चौबे, भवन निर्माण सचिव सुनील कुमार, जीएम GRDA बीएन वर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर GRDA एसके सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।