CBI ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव की सजा को बढ़ाए जाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सीबीआई का कहना है कि इस मामले में जगदीश शर्मा को सात साल की सजा मिली है। ऐसे में इस षड्यंत्र में शामिल लालू प्रसाद यादव को भी अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।
वहीं, लालू प्रसाद यादव की ओर से देवर्षी मंडल ने हाई
कोर्ट में अपना पक्ष रखा। इसके बाद कोर्ट ने मामले को सक्षम बेंच में भेजने की बात
कही है।
आपको बता दूँ.. चारा घोटाले को सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला करार
दिया गया था। बात 1996 की है, जब राज्य के पशुपालन विभाग में 950 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था। उस वक्त
लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। चारा घोटाले में 3 मामले हैं।
स्पेशल CBI कोर्ट ने
धोखाधड़ी करते हुए देवघर कोषागार से बड़े पैमाने पर निकासी से संबंधित मामले (RC-64-A ) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद
सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया था।
इसके अलावा उन्हें डोरंडा
ट्रेजरी केस मामले में भी दोषी ठहराया गया है। मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का है। यह निकासी 1990-95 के बीच की गई थी।