समग्र शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 2,279 करोड़ रुपये के बजट की स्वीकृति मिली है..
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की प्रोग्राम अप्रूवल बोर्ड (PAB) की 6 अप्रैल को नई दिल्ली में हुई बैठक में समग्र शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 2,279 करोड़ रुपये के बजट की स्वीकृति प्रदान की गई।
स्वीकृत बजट में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को वहन करना होगा। समग्र शिक्षा अभियान के तहत जिन कार्यक्रमों के लिए बजट की स्वीकृति मिली है, उनमें आईसीटी, वोकेशनल एजुकेशन, समावेशी शिक्षा आदि महत्वपूर्ण हैं। 2023-24 में आईसीटी कार्यक्रम उन चयनित स्कूलों में स्मार्ट क्लास तथा कंप्यूटर लैब की स्थापना के लिए राशि की स्वीकृति मिली है, जिनमें अभी तक इसकी व्यवस्था नहीं हो सकी है।
इसी तरह, कई स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा भी पहली बार शुरू होगी। पैब की बैठक में उन योजनाओं के लिए भी स्वीकृति मिली जो पूर्व से संचालित हो रहे हैं। इनमें पाठ्य-पुस्तकों के निशुल्क वितरण, पोशाक, RTE के तहत निजी स्कूलों को क्षतिपूर्ति, शिक्षकों के प्रशिक्षण, स्कूल से बाहर रह रहे बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षण, निपुण भारत आदि शामिल हैं।
आपको बता दूँ.. पारा शिक्षकों एवं बीआरपी, सीआरपी के मानदेय के लिए भी निर्धारित राशि केंद्र सरकार प्रदान करेगी। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों, नेताजी सुभाषचंद्र बोस आवासीय विद्यालयों के लिए भी राशि स्वीकृति हुई है।कुछ स्कूलों की मरम्मति तथा नई कक्षाओं के निर्माण के लिए भी बजट की राशि स्वीकृत हुई है।
वहीँ.. पीएम पोषण योजना (मिड डे मील) के बजट की स्वीकृति के लिए प्रोग्राम अप्रूवल बोर्ड की बैठक 20 अप्रैल को होगी। झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने पहले ही बजट का प्रस्ताव केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है।