विज्ञापन एजेंसियों को
होर्डिंग लगाने के समय होर्डिंग पर उसका साइज, एजेंसी का नाम और होर्डिंग संख्या लिखना अनिवार्य है, लेकिन किसी होर्डिंग में इनका उल्लेख नहीं है। वैध
होर्डिंग से निगम को सालाना करीब 4 करोड़ रुपए रेवेन्यू मिल रहा है, जबकि अवैध होर्डिंग से करीब 2 करोड़ रुपए की चपत लग रही है। अवैध होर्डिंग को रोकने के लिए निगम को नियमित
रूप से अभियान चलाना था, लेकिन
निगमकर्मियों की मिलीभगत से ही अवैध होर्डिंग पड़ताल के क्रम में पता चला कि इस खेल
में कुछ विज्ञापन एजेंसी और अफसरों तक पैरवी-पहुंच रखने वाले लोगों का दबदबा है।
जिस स्थान पर होर्डिंग लगाना होता है, वहां लोहे की संरचना लगाकर सबसे पहले किसी सियासी पार्टी या नेता का
विज्ञापन लगाया जाता है। कुछ दिन बाद वहां कॉमर्शियल एड लगा दिया जाता है। डोरंडा
क्षेत्र में ऐसे कई होर्डिंग लगाए गए हैं। वहीं लालपुर क्षेत्र में मल्टी स्टोरी
बिल्डिंग, निजी भवन की
दीवारों पर बड़े होर्डिंग टांगे गए हैं।
अल्बर्ट एक्का चौक से
पुरुलिया रोड में सदर हॉस्पिटल के किनारे लगाए गए मोनोपोल-यूनिपोल का परमिशन है, पर इसमें कई अवैध हैं। किसी होर्डिंग पर एजेंसी का
नाम और नंबर नहीं है। सुजाता चौक से ओवरब्रिज के दोनों ओर निजी घरों की छत व
दीवारों पर होर्डिंग लगे हैं, पर किसी पर
साइज-नंबरिंग व एजेंसी का नाम नहीं लिखा है। डोरंडा से हिनू चौक होते हुए बिरसा
चौक तक छोटे-बड़े सैकड़ों होर्डिंग लगे हैं। कई नई संरचना बनाई गई हैं। कौन वैध हैं, पहचान का पैमाना नहीं है। रातू रोड न्यू मार्केट चौक
से कचहरी होते सर्कुलर रोड व हरमू रोड में 600 से अधिक होर्डिंग हैं, पर साइज-नंबरिंग नहीं
हैं।
इस मामले में अपर नगर आयुक्त, कुंवर सिंह पाहन ने कहा की.. शहरी क्षेत्र में लगाए गए होर्डिंग में कौन वैध है और कौन अवैध, इसकी पहचान मुश्किल है। सभी एजेंसियों को होर्डिंग का साइज-नंबरिंग करने का निर्देश था, पर नहीं किया। अब एजेंसियों को अपने होर्डिंग 15 अप्रैल तक जीपीएस लोकेशन से टैग करने होंगे। इसके बाद जब्ती की कार्रवाई होगी। अवैध होर्डिंग के खिलाफ बड़ा अभियान चलाएंगे।
नगर निगम की बाजार शाखा के
पदाधिकारियों की जिम्मेवारी है कि वे नियमित रूप से अभियान चलाकर अवैध होर्डिंग
लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें, लेकिन पिछले तीन साल में निगम ने एक बार भी अवैध होर्डिंग के खिलाफ अभियान
नहीं चलाया। पिछले माह गिने-चुने होर्डिंग व बैनर को काटकर निगम ने अवैध होर्डिंग
के खिलाफ कार्रवाई की। बड़े होर्डिंग के खिलाफ किसी एजेंसी या आम व्यक्ति द्वारा
शिकायत करने के बाद भी निगम कार्रवाई नहीं करता।
जहां-तहां लगाए गए अवैध
होर्डिंग से दुर्घटना की आशंका बढ़ी है। निगम संरचना की मजबूती की जांच भी नहीं
करता। होर्डिंग लगाने के दौरान मजदूरों की सुरक्षा का प्रबंध नहीं होता। कई बार
तेज आंधी में होर्डिंग- बोर्ड गिरने से दुर्घटना भी होती है।