रांची के लिए 24 एसी बसों की खरीदारी को स्वीकृति प्रदान की गई है। केंद्र सरकार के परामर्श के आधार पर इस व्यवस्था को शुरू करने की तैयारी की गई है।
आवासन एवं शहरी कार्य
मंत्रालय ने इसको लेकर कुछ दिनों पूर्व ही सरकार को निर्देश दिया था। मंत्रालय ने
सुझाव दिया था कि रांची में बसों का परिचालन पीपीपी मोड पर किया जाए।
अभी तक की तैयारियों के
अनुसार राजधानी रांची में बसों का संचालन पूर्व से निर्धारित 13 रूट और 110 पड़ावों के आधार पर किया जाएगा। एसी इलेक्ट्रिक बसों के लिए चौड़ी सड़कें
चाहिए। अभी मेन रोड समेत प्रमुख सड़कों पर ही बसों का परिचालन किया जाएगा।
एसी बसों की लंबाई भी सामान्य
सिटी बसों से अधिक होती है। रांची नगर निगम में 220 सामान्य सिटी बसों की भी खरीदारी होगी। केंद्र सरकार ने तय किया
है कि पांच से 40 लाख तक की आबादी
वाले शहरों में बस परिवहन द्वारा सुगम यातायात सुनिश्चित करने के लिए पीपीपी मोड
पर बसों का परिचालन किया जाएगा।
बसों के संचालन के लिए तैयार
योजना के अनुसार दस वर्षों में 247 करोड़ रुपये का
घाटा होगा। रांची शहर के आसपास के इलाकों में संचालन के लिए 244 बसों की आवश्यकता होगी और आकलन के अनुसार बसों के
परिचालन पर कुल सकल लागत 42.1 रुपये प्रति किमी
होगी।
इन बसों के परिचालन से 44.8 रुपये प्रति किलोमीटर राजस्व का संग्रह होगा। इस
प्रकार प्रति किमी घाटा 17.3 रुपये है। 10 वर्षों में इन बसों के परिचालन से 247 करोड़ रुपये का घाटा राज्य सरकार को उठाना होगा।
खास बातें
1. एसी बसों की खरीदारी पर खर्च : 103.30 करोड़ रुपये
2. प्रतिदिन बसों द्वारा तय की जानेवाली दूरी : 174 किमी
3. शून्य से दो किमी तक का भाड़ा : 5 रुपये
4. दो से पांच किमी तक का भाड़ा : 10 रुपये
5. पांच से 10 किमी तक का भाड़ा
: 15 रुपये
6.10 किमी से अधिक का भाड़ा : 20 रुपये
7. प्रति दो वर्ष में भाड़ा में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी
बसों का भाड़ा यूनिवर्सल फेयर
कलेक्शन सिस्टम के माध्यम से वसूला जाएगा। इसके लिए एजेंसी का चयन अलग से होगा।
राज्य सरकार एजेंसी के साथ प्रति किमी की सेवा के आधार पर दर का निर्धारण करने के
बाद करार करेगी।