मंत्रालय ने कहा है कि इन योजना का revised
estimate को
मंजूरी नहीं मिलेगी। इसके प्रशासनिक स्वीकृति में भी कोई बदलाव नहीं होगा। इसके
लिए रेल मंत्रालय, राज्य सरकार के बीच MOU होगा। और राज्य सरकार इसके प्रबंधन के लिए मुख्य एजेंसी होगी। MOU यानी Memorandum of understanding - जो दो या दो से अधिक पक्षों के
बीच हुए समझौते का समझौता ज्ञापन होता है।
कहाँ कहाँ ये रेलवे ओवर ब्रिज बनेगी और उसकी क्या लगत आएगी..
- इस प्रोजेक्ट के तहत डालटेनगंज में
डालटेन-राजहुरा के बीच रेलवे ओवर ब्रिज 83.54 करोड़ रुपये की होगी जिसमें केंद्र सरकार 78.72 करोड़ रुपये देगी।
- रामगढ़ में गोला और
चारू रोड के बीच रेलवे ओवर ब्रिज 34.95 करोड़ रुपये की होगी जिसमें केंद्र सरकार 30.29 करोड़ रुपये देगी।
- देवघर में संताली गांव
में रेलवे ओवर ब्रिज कुल लागत 93.64 करोड़ रुपये की होगी जिसमें केंद्र सरकार 65.43 करोड़ रुपये देगी।
-वही जसीडीह और बैद्यनाथ धाम
सेक्शन पर रेलवे ओवर ब्रिज 81.96 करोड़ रुपये की होगी जिसमें केंद्र सरकार 79.44 करोड़ रुपये देगी।
-जामताड़ा में जामताड़ा-करमाटांड-लहरजोरी में दो
रेलवे ओवर ब्रिज 78.73 करोड़ रुपये और 51.46 करोड़ की होगी जिसमें केंद्र सरकार 40.98 करोड़ रुपये और 46.77 करोड़ रुपये देगी।
आपको बता दूँ पथ निर्माण विभाग और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय के कारण राज्य की सड़क योजनाओं को गति मिलेगी। केंद्र द्वारा पिछले तीन दिनों में राज्य की 1080 करोड़ रुपये की रोड प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। इसमें रेलवे ओवर ब्रिज के अलावा चाईबासा में फोरलेन बाइपास, जामताड़ा में बाइपास के अलावा धनबाद में रूपनारायणपुर से पोखरिया तक सड़क और पाकुड़ जिले में धर्मपुर से पाकुड़ तक सड़क निर्माण की परियोजनाएं शामिल हैं।