अपनी मनसा बताते हुए महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर ने कहा की मंदिर और आसपास की जमीन लखराज प्रवृत्ति की है और इसका निबंधन नहीं कराया जा रहा है। जबकि इसके पहले लखराज जमीन की रजिस्ट्री और हस्तांतरण हुआ करता था। यहां के अधिकारियों की मनमानी से इस जमीन की रजिस्ट्री बंद कर दी गई। विधानसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुरोहितों को आश्वस्त किया था कि चुनाव जीतने के बाद लखराज जमीन की रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी लेकिन अब तक सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
उनके साथ अनसन में साथ बैठे पूर्व देवघर जिला परिषद् उपध्यक्ष संतोष
पासवान कहते है की यह मांग जायज है और. कई बार इस मांग को सिर्फ अश्वासन देकर टाला
गया है पर अभी तक लखराज जमीं को लेकर उनकी मांग की पूर्ति नहीं की गयी है. इसलिए
वो यहाँ बैठे है और अपने मांग के लिए डटे है और इस बार जब तक मांग पूरी नहीं होगी
वो यहाँ से नहीं उठेंगे..