चंडीगढ़ हरियाणा के मुख्य सचिव डी एस ढसे ी न े बताया कि केंद्र सरकर ने हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के लिए गेहूं व धान के फानों का फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए 1100 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है।
इसके लिए 20 से 25 लाख रुपये की लागत से कस्टम हायरिंग सैण्टर्स स्थापित किये जायेंगे, जिसके वित्तपोषण के लिए बैंकों के सहयोग की आवश्यकता होगी। इसमें सबसिडी भी उपलब्ध होगी। इस योजना के तौर-तरीकों की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। श्री ढेसी राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 144वीं बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। राज्य सरकार ने वित्तीय समावेशन के लक्ष्यों की प्राप्ति की सराहना की और ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत राज्य को आबंटित 235 गावों की परिपूर्णता पर संतोष प्रकट किया। श्री ढेसी ने राज्य द्वारा 87.9 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीद करने का भी विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने की पहल की जानकारी देते हुए बताया कि इसका हरियाणा राज्य के लिए विशेष महत्व है। इसके अंतर्गत किसानों की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध सुनिश्चित करना है। उन्होंने बैंकों से किसानों की आय को बढ़ाने के लिए योजनाएं और कार्यक्रम बनाने का भी अनुरोध किया।
46 वरिष्ठ अधिकारियों को एक एक ब्लॉक आबंटित : बैठक में मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री हरियाणा के परिवर्तन कार्यक्रम के बारे में अवगत करवाया कि 46 वरिष्ठ अधिकारियों को एक एक ब्लॉक आबंटित किया गया है। वे अपने अपने ब्लॉक में कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की निगरानी करेंगे। इन योजनाओं में कॉबलर्स को
डीआरआई स्कीम के अंतर्गत ऋण उपलब्ध करवाना और स्टैंड अप इंडिया कार्यक्रम आदि के अंतर्गत ऋण उपलब्ध करवाना शामिल है। उन्होंने बताया की 14 अप्रैल 2018 से अन्त्योदय सेवा केन्द्रों ने कार्य करना शुरू कर दिया है, जहाँ पर एक ही छत के नीचे निम्न आय वर्ग के लोगों को उनके लिए बनाई गई योजनाओं की पूरी जानकारी मिलेगी। हरियाणा राज्य को 2017-18 के लिए आबंटित डिजिटल लेन-देन के लक्ष्यों की प्राप्ति जिसमें बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा, के बारे में बताते हुए उन्होंने बैंकों और अग्रणी जिला प्रबन्धकों से अनुरोध किया कि वे चालू वित्त वर्ष के दौरान भी इस विषय में अपने प्रयासों में तेजी लायें।