लाठीचार्ज, 3 दर्जन से अधिक घायल: मुख्यमंत्री से मिलने CM आवास की ओर बढ़ रहे पंचायत सचिवों पर लाठीचार्ज, 3 दर्जन से अधिक घायल।।
पंचायत सचिवालय कर्मियों के द्वारा नियमित वेतन और स्थायीकरण की मांग को लेकर मोरहाबादी मैदान में एकत्रित कर्मियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस क्रम में लगभग तीन दर्जन लोग घायल हुए हैं, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
करीब तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं
पंचायत सचिवालय कर्मियों के द्वारा नियमित वेतन और स्थायीकरण की मांग को लेकर मोरहाबादी मैदान में एकत्रित कर्मियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस की इस लाठीचार्ज में करीब तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। पंचायत सचिवालय सहायक संघ के चंद्रदीप ने बताया कि लगभग तीन दर्जन पंचायत कर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
कुछ लोगों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ना शुरू कर दिया
जानकारी के मुताबिक पंचायत संघ के सदस्यों को राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन का पहले से कार्यक्रम था। इसी क्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे हुए थे। संघ के अनुसार उनकी संख्या 2000 के करीब थी। इसी भीड़ में से कुछ लोगों ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ना शुरू कर दिया, जिसे रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस का कहना है कि संघ की ओर से उनके ऊपर पथराव भी किया गया, जिसके बाद लाठीचार्ज कर भीड़ को शांत कराया गया।
युवाओं ने पुलिस पर पथराव भी शुरू कर दिया
सूचना के अनुसार मामला बिगड़ते देख प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने की मांग की और सभी सीएम आवास की ओर बढ़ने लगे। इस क्रम में सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें जब रोकना चाहा तो प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग को तोड़ दिया गया। इतना ही नहीं, कुछ युवाओं ने पुलिस पर पथराव भी शुरू कर दिया। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के ऊपर लाठी चार्ज कर दिया। इस प्रदर्शन में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
पुलिसकर्मियों ने निर्ममता से पिटाई की : बाबूलाल
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि प्रदर्शन कारी कोई चोर उचक्के नहीं बल्कि झारखंड के पंचायत सेवक हैं। पिछले कई दिनों से मोरहाबादी मैदान में अपनी पांच सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। सरकार ने नहीं सुनी तो शांतिपूर्ण तरीके से राजभवन मार्च कर रहे थे। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठी से निर्मम पिटाई कर दी। उन्होंने सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाते हुए इसी कड़ी निंदा की है। बाबूलाल ने कहा कि रामगढ़ उपचुनाव में जनता इस रवैए का बदला लेगी।
पंचायत सेवक संघ की प्रमुख मांग
पंचायत सेवक संघ की नियुक्ति छह साल पहले विभागीय स्तर पर हुई थी। पुलिस वेरिफिकेशन के आधार पर चयनित लोगों की बहाली की गई थी। 15 विभाग से पंचायत की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए स्वयंसेवकों को जोड़ा गया था। इनका आरोप है कि इस सूची की अनदेखी की जा रही है।