Breaking News
26 फरवरी खास होगा.. झारखंड के लिए पीएम मोदी 226.71 करोड़ की सौगात देंगे.. 26 फरवरी को तोहफों की झड़ी  |  लोकसभा चुनाव के लिए BJP का 'लाभार्थी संपर्क अभियान' से प्लान से गांव तक पैठ बनाने की तैयारी  |  "हेमंत सोरेन ने मेरी बात मानी होती.. तो आज जेल में नहीं होते" …JMM विधायक के बगावती तेवर!  |  “आज मेरी तो कल तेरी..” भाजपा नेताओं पर भड़के झामुमो विधायक, झारखंड में सरकार गिरने की बड़ी वजह बता दी..  |  PM Kisan Yojana: हजारों किसानों को लग सकता है बड़ा झटका! अब ये करने पर ही मिलेंगे 2000 रुपये..  |  चंपई सरकार ने विधानसभा में हासिल किया विस्वास मत, पक्ष में पड़े 47 वोट  |  '..बाल बांका करने की ताकत', विधानसभा में फूटा हेमंत सोरेन का गुस्सा, ED-BJP के साथ राजभवन को भी घेरा  |  CM बनते ही एक्शन में चंपई सोरेन, 3 वरिष्ठ अधिकारियों की दी बड़ी जिम्मेदारी; लॉ एंड ऑर्डर सख्त करने की तैयारी  |  अयोध्या के लिए Special Train.. 29 जनवरी को 22 कोच के साथ रवाना होगी आस्था स्पेशल एक्सप्रेस, जानें ट्रेन का शेड्यूल  |  अयोध्या के लिए Special Train.. 29 जनवरी को 22 कोच के साथ रवाना होगी आस्था स्पेशल एक्सप्रेस, जानें ट्रेन का शेड्यूल  |  
विशेष

उमेश कुमार झा, झारखण्ड लाइफ। 13/01/2023 :
आज शुरू होगा चावल धुआं के साथ महापर्व टुसू : आखाइन जतरा से शुभ कार्य की होगी शुरुआत
 
आखाइन जतरा से शुभ कार्य की होगी शुरुआत: आदिवासी-मूलवासी 15 जनवरी को आखाइन जातरा मनाएंगे। पहला माघ को ‘आखाइन जातरा’ के रूप में मनाया जाता है। साल की शुरुआत मानकर इस दिन से ही सारे शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। इस दिन से ही पहला हल चलाकर खेती की शुरुआत की जाती है, जिसे ‘हालपुनहा’ कहते हैं। इस दिन वधु को भी देखने का चलन है। बाउंडी के दिन शाम में गुड़-पीठा व छांका-पीठा तैयार किया जाएगा। आदिवासी-मूलवासी 15 जनवरी को आखाइन जातरा मनाएंगे।


गांव में पर्व को लेकर दीवारों पर उकेरी आदिवासी संस्कृति

टुसू गीतों से इन दिनों शहर से लेकर गांव-देहात तक गूंज रहा है। शुक्रवार से बाउंडी उत्सव के साथ मकर अर्थात टुसू पर्व का आगाज हो जाएगा। साल का पहला व आदिवासियों का सबसे बड़ा त्योहार मकर संक्रांति-टुसू पर्व की तैयारी अंतिम चरण में है। इस बार भव्य मेला लगेगा और जमकर मुर्गा लड़ाई होगी। मकर पर्व को शुक्रवार काे चावल धुआं के साथ पर्व शुरू होगा।

इसमें अरवा चावल कूटकर आटा बनाते हैं, जिससे गुड़-पीठा बनता है। बाउंडी पर्व 13 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सभी घरों में पीठा बनाया जाता है। घर के सभी लोग साथ बैठकर पीठा खाते हैं। मकर संक्रांति के दिन टुसू प्रतिमा और चौड़ल का विसर्जन किया जाता है। गांव की महिलाएं-लड़कियां और बच्चे समूह बनाकर नदी या तलाब पर टुसू गीत गाते हुए पहुंचते हैं।

इन जगहों पर लगेगा मेला

दोमुहानी, सोनारी, कमफूटा, भुइयांडीह, भिलाई पहाड़ी, सिमुलडांगा, सिमुलडांगा कन्याडुबा, घोड़ाबांधा, जयदा, मनपीटा, बिरसानगर संडे मार्केट, पीपला, जयदा, बड़ाबांकी, लुपुंगडीह, डोरेन सिंह स्मृति टुसू मेला भादुडीह, धानचटानी, डोरेन सिंह स्मृति टुसू मेला भादुडीह, गोपाल मैदान बिष्टुपुर, खैरबनी, बिरसानगर कुआं मैदान।

इस दिन वधु को भी देखने का चलन है

पहला माघ को ‘आखाइन जातरा’ के रूप में मनाया जाता है। साल की शुरुआत मानकर इस दिन से ही सारे शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। इस दिन से ही पहला हल चलाकर खेती की शुरुआत की जाती है, जिसे ‘हालपुनहा’ कहते हैं। इस दिन वधु को भी देखने का चलन है। बाउंडी के दिन शाम में गुड़-पीठा व छांका-पीठा तैयार किया जाएगा।



झारखंड की बड़ी ख़बरें
»»
Video
»»
संपादकीय
»»
विशेष
»»
साक्षात्कार
»»
पर्यटन
»»


Copyright @ Jharkhand Life
')