2023 में लगभग सभी बोर्ड की परीक्षा होनी है एवं इसी बीच पूरे देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के संक्रमण का असर भी देखने को मिल रहा है। जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। मालूम हो कि मार्च 2020 से फरवरी 2022 तक स्कूल बंद रहे थे। पहली से पांचवीं कक्षा तक के सरकारी स्कूल मार्च 2022 में खुले, जबकि छठी से 12वीं तक के स्कूल फरवरी में ही खुल गए थे। इससे पहले दिसंबर में नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खुले थे, लेकिन दो महीने बाद ही फिर से बंद कर दिए गए। स्कूल बंद रहने के दौरान बच्चों की आनलाइन पढ़ाई हुई और उन्हें डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराए गए थे।
मार्च-अप्रैल में होंंगी बोर्ड की परीक्षाएं
जैक बोर्ड अभी 2023 में कक्षा आठवीं, नौवीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं की बोर्ड
परीक्षा कराएगा, जिसमें मार्च में कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड
परीक्षा कराई जाएगी। वहीं अप्रैल के महीने में कक्षा आठवीं, नौवीं एवं 11वीं की बोर्ड
परीक्षा कराई जा सकती है। इसके साथ ही फरवरी में विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल
परीक्षा भी कराई जाएगी।
परीक्षा में कोरोना नियमों का किया जाएगा पालन
इन सभी परीक्षाओं में कोरोना का
गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा एवं जल्द ही जैक सभी के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर
देगा। जैक बोर्ड अध्यक्ष डा अनिल कुमार महतो ने कहा कि नववर्ष में सभी कक्षाओं की
परीक्षा होनी है। कोविड संक्रमण के मद्देनजर विभागीय दिशा-निर्देश प्राप्त होते ही
जैक बोर्ड के द्वारा गाइडलाइन जारी कर दिया जाएगा।
फिर से गाइडलाइन जारी करेगा विभाग
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को
देखते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग एहतियातन गाइडलाइन जारी करेगा। वायरस
से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा एवं और भी गाइडलाइन जारी किए
जाएंगे। झारखंड के स्कूलों में जनवरी से मास्क लगाना अनिवार्य होगा। वहीं, स्कूलों में हाथ
धोने से लेकर सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी। सर्दी, खांसी और बुखार से ग्रसित बच्चों या
शिक्षकों को स्कूल आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
गाइडलाइन जारी करने की तैयारी कर रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के अंदेशा
को देखते हुए एहतियातन यह निर्णय लिया जा रहा है। कोरोना आशंका को देखते हुए
शिक्षा विभाग फिर से पाठ्यक्रम जल्द से जल्द पूरा कराने का निर्देश देगा।
09 जनवरी से शुरु होगी
अर्द्धवार्षिक परीक्षा
9 से 11 जनवरी तक पहली से सातवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा है। परीक्षा
में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं
स्कूलों में नियमित क्लास में भी उसका पालन होगा। इस पर राज्य सरकार द्वारा निर्णय
लिए जाने के बाद दूसरा फैसला लिया जाएगा। जैक बोर्ड की परीक्षा में सोशल
डिस्टेंसिंग का पालन करने का आदेश जारी करेगा।