गाजा यरुशलम के गाजा में अमेरिकी दूतावास के खुलने से पहले सोमवार को हिंसक प्रदर्शन हुए। इस हिंसक प्रदर्शन में 37 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर है,जबकि 1600 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। कई मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हुई है। गाजा-इजराइल सीमा के पास पत्रकारों को गोलियों की
आवाज सुनाई दी।
इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने सोमवार को एक बयान जारी किया जिसमें फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास पर आरोप लगाया। आईडीएफ का अनुमान है कि लगभग 35 हजार लोग,गाजा और इजराइल के बीच सीमा पर 12 अलग- अलग स्थानों पर इक_े हुए थे और सीमा से लगभग एक किलोमीटर दूर एक टेंट
में हजारों लोग इक_े हुए थे। सेना ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सीमा पर स्थित इजराइली सैनिकों पर शराब की बोतलों में आग लगा कर फेंका, टायर जलाया और पत्थरबाजी की। आईडीएफ ने यह भी कहा कि कि उसने विशेष रूप से हिंसक प्रदर्शन के दौरान, मिस्र के साथ सीमा के नजदीक रफह के पास तीन सशस्त्र फिलिस्तीनियों द्वारा हमला गया किया था। फिलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 443 लोग गोला बारूद, 320 लोग टियर गैस और 3 लोग रबर की गोलियों से घायल हुए। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक,पहला शिकार 21 वर्षीय अनास हमदान कदीह था, जिस खान यूनिस के पूर्व में इजराइली सेना ने गोली मार दी थी। इससे पहले इजराइल की सेना ने गाजा पर हवाई-गिराए गए पर्चे के जरिए लोगों को चेतावनी दी थी कि वे उस बाड़ के रास्ते ना आए जो गाजा को इजराइल से अलग करता है। अमेरिका ने मंगलवार को तेल अवीव से अपना दूतावास स्थानांतरित कर यरुशलम में खोल दिया। यह 2014 के बाद से सबसे भीषण हिंसा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यरुशलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के विवादास्पद कदम के तहत वहां अपना दूतावास खोलने की दिसंबर में घोषणा की थी। यरुशलम में दूतावास खुलने पर ट्रंप ने सुबह के अपने ट्वीट में इसे इजराइल के लिए एक महान दिन बताया। उन्होंने सुबह के इस ट्वीट में हिंसा का कोई जिक्र नहीं किया,लेकिन कहा,इस्राइल के लिए एक महान दिन।