देवघर ऐम्स में तंबाकू नियंत्रण से संबंधित चिकित्सा पाठ्यक्रम के विकास पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। देवघर ऐम्स के निदेशक प्रो. ((डॉ.) सौरव वार्ष्णेय की अध्यक्षता में कार्यक्रम की शुरुआत हुई. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि एम्स देवघर तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप को रोकने के लिए चिकित्सा संस्थानों की भागीदारी पर उल्लेखनीय काम कर रहा है। इसी परियोजना के तहत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में तंबाकू के नियंत्रण के विषय का समावेश करने के लिए देशभर से आए विशेषज्ञों के साथ कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।
कार्यशाला में विशेषज्ञ विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रो. (डॉ) विकास भाटिया निर्देशक, एम्स, बीबीनगर, हैदराबाद ने भाग लिया। एनएमसी के पूर्व सदस्य और आईजीआईएमएस, पटना के प्रसिद्ध शिशु शल्य चिकित्सक प्रो. (डॉ) विजयेंद्र कुमार एवं डॉ निधि प्रसाद सहित पीएमसीएच पटना से विभागाध्यक्ष प्रो (डॉ) दिलीप कुमार ने कई बिंदुओ पर सुझाव दिए।
कार्यक्रम में परिचयात्मक सत्र, इंटरैक्टिव समूह गतिविधियाँ और प्रस्तुतियाँ शामिल थीं, जो सभी स्वास्थ देखभाल प्रशिक्षण में तंबाकू नियंत्रण शिक्षा को शामिल करने पर केंद्रित थीं। स्वास्थ्य देखभाल पाठ्यक्रम के भीतर तंबाकू शिक्षा की वर्तमान स्थिति का आकलन और एकीकरण के अवसरों की पहचान की समीक्षा और परिचर्चा की गई। ‘स्नातक स्वास्थ्य देखभाल पाठ्यक्रम’ छात्रों के लिए तंबाकू नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक विस्तृत पाठ्यक्रम की रूपरेखा विकसित करने के लिए प्रारूप का गठन किया गया।
अन्य विशेषज्ञों के तौर पर प्रो. (डॉ) शिवशेखर दत्ता, अगरतला, प्रो. (डॉ) जरीना बेगम, जमशेदपुर, डॉ. प्रज्ञान दास, जमशेदपुर, सहित एम्स देवघर के चिकित्सा- शिक्षाविद् विशेषज्ञ के तौर पर प्रोफेसर (डॉ) प्रतिमा गुप्ता, एकेडमिक् डीन प्रो. (डॉ) हरमिंदर सिंह, एम्स नर्सिंग महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. (डॉ) वसंता कल्याणी, पारिवारिक एवं सामुदायिक चिकित्सा विभाग की विभाग अध्यक्ष प्रो. (डॉ) जी जाह्नवी सहित कई विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समन्वय एवं संचालन डॉ. बिजीत बिस्वास ने किया। इस अवसर पर डॉ शांतनु नाथ, डॉ अरशद अयूब, डॉ सुदीप भट्टाचार्य, डॉ विनायग्यामूर्ति वेणुगोपाल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
चिकित्सा संस्थानों में तंबाकू नियंत्रण के विषय को पाठ्यक्रमों में शामिल करने को लेकर देवघर ऐम्स में विशेषज्ञों की राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित, विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
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