स्वच्छ एवं स्वस्थ्य मेला क्षेत्र बनाने के उदेश्य से देवघर जिला प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र में धुम्रपान और तम्बाकू पर प्रतिबंध लगा दिया है. देवघर उपायुक्त विशाल सागर के द्वारा जानकारी दी गयी है कि राजकीय श्रावणी मेला को स्वच्छ और स्वस्थ्य मेला बनाने के उदेश्य से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को धुम्रपान मुक्त मेला घोषित किया गया है। गौरतलब है कि 22 जुलाई 2024 से श्रावणी मेला प्रारंम्भ हो रहा है। साथ हीं श्रावणी मेला क्षेत्र सार्वजनिक स्थल परिभाषा के दायरे में आता है। ऐसे में राजकीय श्रावणी मेला के अवसर पर मेला क्षेत्र को धुम्रपान एवं तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है।
इसके अलावा श्रावणी मेला को गैर धूम्रपान क्षेत्र घोषित किए जाने एवं तम्बाकू के दुष्परिणामों के प्रति आम जनमानस में जागरूकता लाए जाने हेतु व्यापक रूप से मेला क्षेत्र में प्रचार-प्रसार भी करने का फैसला किया गया है.साथ ही श्रावणी मेला को धूम्रपान मुक्त क्षेत्र/ तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किए जाने से श्रावणी मेला के मार्ग, श्रावणी मेला एवं संबंधित स्थल के आस-पास वाले क्षेत्र में श्रावणी मेला सम्पन्न होने तक तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। श्रावणी मेला मार्ग, मंदिर परिसर सहित सभी संबंधित प्रमुख स्थलों में गैर धूम्रपान क्षेत्र/तंबाकू मुक्त क्षेत्र के बोर्ड का व्यापक रूप से प्रदर्शन भी किया जाएगा।
एक जानकारी के अनुसार भारत में प्रति वर्ष तम्बाकू और धूम्रपान के सेवन से 13 लाख लोगों से अधिक की मौत होती है। झारखण्ड में 38.9 प्रतिशत वयस्क आबादी किसी ना किसी रूप में तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं, जो राष्ट्रीय औसत 28.6 प्रतिशत से काफी अधिक है. यह गंभीर चिन्ता का विषय है। आम जनमानस में व्यापक रूप से तम्बाकू के दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता लाए जाने एवं सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 (COTPA, 2003) के प्रभावकारी अनुपालन हेतु सरकार व जिला प्रशासन कृत संकल्पित है।
साथ हीं COTPA, 2003 की धारा-4 के अन्तर्गत मेला क्षेत्र में पूर्णरूप से धूम्रपान को प्रतिबंधित किया गया है. जिला प्रशासन के कड़े रुख से तम्बाकू और धूम्रपान सामग्री की बिक्री और सेवन करने वालों में हड़कंप है.