मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर (MSDAC) एक आधुनिकतम ट्रेन डिटेक्शन सिस्टम है जिसका उपयोग रेलवे सिगनलिंग में सुरक्षा और समय की पाबंदी बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके तहत गुज़रने वाली ट्रेन जब ट्रैक सेक्शन के दोनों सिरों पर लगे सेंसर से होकर गुजरती है तब यह एक्सल की गिनती करने का काम करता है। इससे यह सटीक रूप से निर्धारित करने में मदद मिलती है कि सेक्शन व्यस्त है या खाली है, जिससे ट्रेनों की सुचारू और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित होती है। पारंपरिक यांत्रिक प्रणालियों के विपरीत एमएसडीएसी (MSDAC) डिजिटल तकनीक पर निर्भर करता है जो इसे चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में भी अत्यधिक विश्वसनीय बनाता है।
एमएसडीएसी (MSDAC) का प्राथमिक लाभ सिगनलिंग सिस्टम की विश्वसनीयता बनाए रखने की क्षमता को सुनिश्चित करना है।यहाँ तक कि बारिश के मौसम में जलभराव जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी एमएसडीएसी (MSDAC) एक साथ कई ट्रैक सेक्शन की निगरानी करने की क्षमता रखता है,जो जटिल रेलवे नेटवर्क के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें कोई हिलने वाला हिस्सा भी नहीं है जिससे बार-बार रखरखाव की आवश्यकता भी कम हो जाती है और इसकी स्थायित्व बढ़ जाती है। यह प्रणाली सटीक जानकारी प्रदान करके देरी को कम करता है और ट्रेन की आवाजाही के बेहतर प्रबंधन को सक्षम करके परिचालन दक्षता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एमएसडीएसी (MSDAC) आधुनिक सिगनलिंग सिस्टम जैसे केंद्रीकृत ट्रैफ़िक नियंत्रण के साथ भी काम करता है जो इसे भविष्य की रेलवे तकनीकों के लिए भी अनुकूल बनाता है। ट्रेन की स्थिति का सटीक पता लगाकर, एमएसडीएसी (MSDAC) सिगनलिंग विफलताओं के जोखिम को काफी कम कर देता है जिससे रेल संचालन की समग्र सुरक्षा बढ़ जाती है।
पूर्व रेलवे का आसनसोल मंडल, मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर (MSDAC) तकनीक की शुरुआत के साथ अपने रेलवे बुनियादी ढांचे को भी बढ़ाने के लिए तैयार है।एमएसडीएसी (MSDAC) एक अत्याधुनिक प्रणाली है जिसका उपयोग पटरियों पर ट्रेन की उपस्थिति या अनुपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है।यह सेक्शन में ट्रेनों के प्रवेश करने और छोड़ने वाली ट्रेन के एक्सल की गिनती करने का काम करता है जिससे सुरक्षित और कुशल ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण डेटा मिलता है।
आसनसोल मंडल के नौ स्टेशनों कुल्टी, बराकर, कुमारधुबी, मुगमा, थापरनगर, कालूबथान, छोटाअंबाना, बासुकीनाथ और दुमका में एमएसडीएसी (MSDAC) को लागू करने के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।इस परियोजना की कुल लागत ₹23.41 करोड़ आंकी गई है।इन स्टेशनों पर एमएसडीएसी की तैनाती से मंडल की सिगनलिंग प्रणाली की विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
इसके अलावा, स्वचालित ब्लॉक सिगनलिंग कार्य के हिस्से के रूप में खाना-अंडाल और सीतारामपुर-छोटा अंबाना के बीच भी ब्लॉक सेक्शनों में दोहरे मोड वाले एमएसडीएसी के प्रावधान के लिए ₹44.59 करोड़ की लागत से एक अन्य परियोजना को मंजूरी दी गई है।यह दोहरे मोड वाला एमएसडीएसी स्वचालित ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली की विश्वसनीयता को और बढ़ाएगा जिससे इन महत्वपूर्ण सेक्शनों में निर्बाध और सुरक्षित ट्रेन संचालन सुनिश्चित होगा।इससे रेलवे की विश्वसनीयता में सुधार होगा तथा यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेनों का समय पर संचालन भी सुनिश्चित हो सकेगा।
एक ही ट्रैक पर आ जाने से हाल में बड़ी रेल दुर्घटनाएं हुई है जिससे बड़े पैमाने पर जान माल की क्षति हुई है।इस आधुनिकतम तकनीक के जरिए इस तरह की दुर्घटनाओं से निजात मिलने की उम्मीद की जा रही है