एनाटॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के बिहार एवं झारखंड चैप्टर का राज्य सम्मेलन (12वां बीजेएएसआईकॉन) का 12वां वार्षिक राज्य सम्मेलन 19 और 20 अक्टूबर, 2024 को देवघर ऐम्स में आयोजित हुआ।एम्स देवघर में शरीर रचना विभाग द्वारा आयोजित इस वर्ष के सम्मेलन में प्रतिष्ठित वक्ताओं, शोधकर्ताओं और प्रतिभागियों का एक विविध समूह एक साथ शामिल हुआ।
सम्मेलन का उद्देश्य एनाटॉमिकल अध्ययनों और आनुवंशिक अनुसंधान के बीच की खाई को पाटना था, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि ट्रांसक्रिप्टोमिक्स में प्रगति कैसे मानव शरीर रचना और इसकी विविधताओं के बारे में हमारी समझ को बढ़ा सकती है। दो दिवसीय कार्यक्रम में मुख्य भाषणों और वैज्ञानिक सत्रों की एक श्रृंखला शामिल थी, जिसमें पैनल चर्चा के जरिए ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक सहयोगी वातावरण को बढ़ावा मिला।
सम्मेलन का उद्घाटन ऐम्स देवघर के कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रो. (डॉ.) सौरभ वार्ष्णेय ने एक प्रभावशाली उद्घाटन भाषण देकर किया।अपने संबोधन में उन्होंने समाज के सामने आने वाले शारीरिक विकलांगताओं को दूर करने में आनुवंशिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिए। डॉ.सौरभ वार्ष्णेय ने इस बात पर जोर दिया कि आनुवंशिक कारकों को समझना विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के निदान और प्रबंधन में महत्वपूर्ण रूप से योगदान दे सकता है, जिससे अंततः रोगी के परिणामों में सुधार हो सकता है।
कार्यक्रम में प्रो. (डॉ) रीमा दादा,एम्स दिल्ली;
प्रो. (डॉ) अर्चना रानी के.जी.एम.सी,लखनऊ; डॉ. सबरमीत सिंह, भ्रूणविज्ञानी एएफसी दिल्ली;
प्रोफेसर (डॉ) रंजीत गुहा, आईजीआईएमएस पटना, और डॉ. आदिल असगर, एम्स पटना ने अपने नवीनतम शोध निष्कर्षों और अंतर्दृष्टि को साझा किया, जिससे उपस्थित लोगों के बीच उत्कृष्ट विचारों को बढ़ावा मिलेगा।आयोजन समिति की सचिव देवघर ऐम्स के शरीर रचना विभाग की डॉ उर्मिला सिन्हा ने सभी अतिथियों का सम्मेलन के दौरान अपनी विशेषज्ञता और ज्ञान को साझा करने के लिए आभार व्यक्त किया।