संताल परगना और आसपास के क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष सर्प और बिच्छू दंश और कई जहरीले कीटों के काटने से सैकड़ों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ जाता है। इसी के मद्दनजर देवघर ऐम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन एवं विष विज्ञान विभाग और NAMS (नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज)
द्वारा 5 अक्टूबर 2024
को देवघर ऐम्स में
“आदिवासी जनसंख्या में सर्प, बिच्छू एवं कीट दंश की वर्तमान प्रवृत्तियाँ और प्रबंधन” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ते सर्पदंश, बिच्छू डंक और कीट दंश के मामलों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इनके प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों पर चर्चा करना है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पद्म श्री से सम्मानित डॉ. हिम्मतराव सलूबा बावस्कर शामिल होंगे, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश और बिच्छू डंक के प्रबंधन और शोध में अग्रणी हैं। डॉ. बावस्कर ने हजारों लोगों की जान बचाई है और इस क्षेत्र में उनके शोध और कार्य को पूरे देश में सराहा गया है। अतिथि वक्ताओं में एम्स नई दिल्ली के प्रोफेसर (डॉ.) संजीव लालवानी और एम्स भुवनेश्वर के प्रोफेसर (डॉ.) सुदीप्ता रंजन सिंह होंगे, जो इस क्षेत्र में अपने अद्वितीय अनुभव और शोध पर प्रकाश डालेंगे।
एम्स देवघर के कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) सौरभ वर्श्नेय की उपस्थिति में कार्यशाला का उद्घाटन किया जाएगा। आयोजन समिति के प्रमुख सदस्य प्रो. (डॉ.) निशात अहमद शेख, डॉ. धीरज अभय, डॉ. राजेश कुमार और डॉ. वड्डे चंद्रशेखर हैं, जो इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं।
इस कार्यशाला में सर्पदंश, बिच्छू डंक और कीट दंश से संबंधित नवीनतम प्रवृत्तियों और प्रबंधन के आधुनिक तरीकों पर गहन चर्चा होगी। आदिवासी जनसंख्या में इन घटनाओं से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार के लिए भी विचार किया जाएगा। इस कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सकीय और नीतिगत स्तर पर महत्वपूर्ण बदलाव लाने के साथ-साथ ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जनस्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना है।