क्या
आप जानते भी हैं,
की क्या
अहमियत है? 'मामा-भांजा सराय'
न्यूज़ ग्राउंड (नई दिल्ली) आकाश मिश्रा : इस सराय का
निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहां के शासनकाल में 1627 से 1658
के बीच मामा-भांजा ने निर्माण कराया था। आपको बता दें कि एक ज़माने
में अंग्रेजों द्वारा हमारे ऊपर थोपे गए काले क़ानून और नीतियों के कारण स्थानीय
निवासी चाहकर भी इस क़िले में कोई धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम आयोजित नहीं कर
सकते थे। स्थानीय लोगों की मानें तो इस ऐतिहासिक धरोहर को
सरकार को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए और इसे टूरिज़्म का रूप देना चाहिए, ताकि लोग इसके इतिहास के बारे में जानकारी हांसिल कर सकें। नाम ना बताने की शर्त पर घरौंडा के एक स्थायी ने बताया कि यह सराय आज
कल नशाखोरों एवं शराबियों का अड्डा बन चुकी है। उन्होंने चिंता ज़ाहिर करते हुए
कहा कि घरौंडा के लोगों से अगर इस सराय के इतिहास के बारे में पूछा जाए तो उन्हें
इसके बारे में कुछ मालूम ही नहीं, क्योंकि सालों से यह
सराय बिना मरम्मत के पड़ी हुई है।