बड़े से बड़े संकटो का निवारण करती है श्रीरामचरितमानस की यह चौपाई !
मनुष्य के जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं का आना-जाना
लगा रहता है। परन्तु हमको उनसे भयभीत नही होना चाहिए तथा उनका डट कर सामना करना
चाहिए | परन्तु कुछ समस्याएं ऐसी होती है जो थोड़े समय में हल हो जाती हैं, वहीं कुछ लंबे समय तक व्यक्ति को परेशान करती
हैं। ऐसी समस्यओं का हल भगवान की कृपा से ही संभव है। दिल्ली के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य
पं. गिरधारी शरण जी के अनुसार, गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा लिखी गई श्रीरामचरित मानस में ऐसी अनेक चौपाइयां
हैं, जिनके जाप से हर संकट का समाधान हो सकता है। आज हम आपको 1 ऐसी ही चौपाई के बारे में बता रहे हैं। इस चौपाई
का जाप अगर पूरे विधि-विधान से किया जाए तो बड़ी से बड़ी मुश्किल का हल भी संभव
है। ये है श्रीरामचरित मानस की वो चौपाई...
चौपाई
जो प्रभु दीनदयाला कहावा। आरति हरन बेद जस गाबा।।
जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।।
दीनदयाल बिरद संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।
ऐसे करें इस चौपाई का जाप
1. रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद एक लाल कपड़े पर
भगवान श्रीराम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
2. भगवान श्रीराम के चित्र पर तिलक लगाएं और चावल अर्पित
करें। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं जो जाप के अंत तक जलता रहे। भगवान श्रीराम
को भोग भी अर्पित करें।
3. भगवान श्रीराम की पूजा के बाद तुलसी की माला से
इस चौपाई का सच्चे मन से जाप करें।
4. प्रतिदिन कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। कुछ ही दिनों में इस चौपाई
का प्रभाव दिखने लगेगा और आपके संकट दूर होते चले जाएंगे।