मानव जीवन में अधिकारों के साथ-साथ कत्र्तव्य भी होते है
सोनीपत जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम तय्यब हुसैन ने कहा कि मानव जीवन में अधिकारों के साथ-साथ कत्र्तव्य भी होते है इसलिए मनुष्य को अच्छी सोच के साथ सत्कर्म करने चाहिए ताकि जीवन को सुधारा व उपयोगी बनाया जा सके।
श्री हुसैन आज जिला कारागार सोनीपत में डीएलसीए द्वारा सजायाफ्ता व अंडर ट्रायल महिलाओं व बच्चों के अधिकारों व सुविधाओं देने के लिए आयोजित दस दिवसीय जागरूकता अभियान का शुभारंभ करने के बाद संबोधन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महिला कैदियों व बच्चों की देखरेख, उनके कानूनी अधिकारों के लिए जिला जेल परिसर में 26 मई तक जागरूकता व जांच शिविर लगाए जाएंगे। इनमें संबंधित विभागों की टीम के माध्यम से आधार कार्ड बनवाना, जन्म प्रमाण, बच्चों का स्कूल में दाखिला दिलवाना, स्वास्थ्य जांच व अन्य सुविधाएं देने के साथसाथ महिलाओं व बच्चों के कानूनी पहलूओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सही या गलत करने के बावजूद भी हम सब इंसान हैं इसलिए मानवीय व्यवहार अच्छा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी अंतर आत्मा से सोंचे कि गलती की सजा भुगतने या उसके बाद सकारात्मक सोच के साथ अपने अंदर सुधार लाकर जीवन को सही बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों का स्कूल जाना उनका मौलिक व कानूनी अधिकार है। उन्होंने महिला बंधियों की समस्याएं भी जानी और मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ताकि महिलाओं को कोई परेशानी न हो और उन्हें उनके अधिकार मिलें। उन्होंने जेल के स्टोर, रसोई घर, पुस्तकालय व कम्ह्रश्वयूटर कक्ष, पाकशाला, महिला वार्ड के शयन कक्ष आदि का भी निरीक्षण किया और सुविधाओं को भी जायजा लिया। इससे पूर्व शिविर में जेल अधीक्षक सतविन्दर कुमार ने जेल में दी जा रही सुविधाओं बारे जानकारी दी। इस शिविर में जिला समाज कल्याण अधिकारी महाबीर प्रसाद गोदारा ने महिलाओं के लिए समाज कल्याण की स्कीमों बारे, डीसीपीओ ऑफिस से रेखा शर्मा ने महिला व बाल सरंक्षण बारे, डिह्रश्वटी सिविल सर्जन डॉ0 सीताराम ने स्वास्थ्य बारे, पैनल एडवोकेट मीनू रानी ने कानूनी अधिकारों व मुफ्त कानूनी सहायता बारे, पीएनबी आरसेठी के अशोक कुमार गांधी ने महिला स्वरोजगार बारे, ब्रैक थ्रो एनजीओ के मुकेश एवं मंथन आर्ट ग्रुप एनजीओ के दीपक ने भी अपने विचार सांझा किए।
इस मौके पर पैनल एडवोकेट रीटा दहिया व सुमन दहिया, डीआईपीआरओ सुरेन्द्र कुमार वर्मा, डिह्रश्वटी डीईओ रामफल धनखड़, डीएसीए के सहायक अशोक कुमार, संदीप बत्रा, जेल से रामचन्द्र, मांगेराम एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहा। उल्लेखनीय है कि शिविरों को लेकर वकीलों तथा डॉक्टर व अन्य अधिकारियों की ड्यूटी
निर्धारित कर दी गई हैं जो 26 मई तक अलग- अलग दिनों में अपनी सेवाएं व सुविधाएं महिला बंदियों व बच्चों को देंगे।