भारत में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच आज देशभर के कोविड हेल्थ सेंटर्स पर मॉक ड्रिल शुरू हो गई है। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को मॉक ड्रिल की समीक्षा के लिए सफदरजंग अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों से बातचीत की। ऑक्सीजन सप्लाई और वेंटिलेटर को लेकर की गई तैयारियों का जायजा लिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख
मांडविया ने कहा
मनसुख मांडविया ने कहा कि PM मोदी ने हमने
कोरोना से सावधान रहने के लिए कहा है। कोरोना से निपटने के लिए सरकार उचित कदम उठा
रही है। देशभर में कोविड अस्पतालों में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है, ताकि हम
व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर सकें।
भारत में आए 15 विदेशी कोरोना संक्रमित
भारत में आए 15 विदेशी कोरोना
संक्रमित पाए गए हैं। बिहार के गया एयरपोर्ट पर थाईलैंड के 9, म्यांमार के
एक और इंग्लैंड के एक यात्री की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं दिल्ली
एयरपोर्ट पर म्यांमार से आए 4
विदेशियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई
है। सभी के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिए गए हैं। और कोलकाता एयरपोर्ट पर भी 2 कोविड पॉजिटिव मामले सामने आए
हैं। ये दोनों भारतीय हैं। इनमें से एक 24 दिसंबर को दुबई से आया था, जबकि दूसरा
मलेशिया के कुआलालंपुर से आया था।
भारत में कोरोना की वर्तमान स्थिति
भारत में सोमवार को 196 नए केस आए, जबकि 191 मरीज ठीक हुए, वहीं, 2 संक्रमितों की
मौत हो गई। कोरोना की शुरुआत से लेकर अब तक देश में कुल 4.46 करोड़
केसेस आए। वहीं, 4.41 करोड़ मरीज ठीक हुए। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक
देश में अभी 3,428 एक्टिव केस हैं। भारत में कोरोना से अब तक 5 लाख से ज्यादा
लोगों की मौत हो चुकी है। डेली पॉजिटिव रेट 0.56% दर्ज किया गया है, जबकि वीकली
पॉजिटिव रेट 0.16% आंका गया है।
नया वैरिएंट कोरोना के म्यूटेशन में हेल्प कर सकता है..
हाल ही में कुछ एक्सपर्ट्स ने
दावा किया था कि हर नया वैरिएंट कोरोना के म्यूटेशन में हेल्प कर सकता है, जिससे वे और
अधिक खतरनाक हो सकते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर वायरस का म्यूटेशन हुआ तो और
भी तबाही मच सकती है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के इन्फेक्शन डिजीज
एक्सपर्ट डॉ. स्टुअर्ट कैंपबेल रे ने ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कहा कि कोरोना
का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट की तरह हो सकता है, स्ट्रेन का कॉम्बिनेशन हो सकता
है या पूरी तरह अलग भी हो सकता है। चीन की आबादी बहुत बड़ी है और बहुत कम लोगों
में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बनी है। इस माहौल में नए वैरिएंट के पैदा होने का
डर और ज्यादा है।
BF.7 वैरिएंट का
असर भारत में उतना नहीं होगा
सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के डायरेक्टर विनय के. नंदीकूरी ने कहा कि BF.7 वैरिएंट का असर भारत में उतना नहीं होगा। एक्सपर्ट के मुताबिक, ज्यादातर
भारतीयों के पास अब हाइब्रिड इम्यूनिटी है। उन्होंने वैक्सीनेशन के जरिए इम्यूनिटी
हासिल कर ली है। हालांकि उन्होंने मास्क लगाने समेत कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने
पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि भारत में संक्रमण को लेकर उतना ज्यादा
परेशान होने की जरूरत नहीं है,
जितना लोग डेल्टा वैरिएंट के समय
हुए थो। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारे पास एक हद तक हर्ड इम्यूनिटी आ गई है।
यही वजह है कि हम अन्य वायरस के संपर्क में आने के बावजूद सुरक्षित हैं।