क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसंबर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व मे अवकाश रहता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। 25 दिसंबर यीशु मसीह के जन्म की कोई ज्ञात वास्तविक जन्म तिथि नहीं हैं और लगता है कि इस तिथि को एक रोमन पर्व से संबंध स्थापित करने के आधार पर चुना गया है। आधुनिक क्रिसमस की छुट्टियों मे एक दूसरे को उपहार देना, चर्च मे समारोह और विभिन्न सजावट करना शामिल हैं। इस सजावट के प्रदर्शन मे क्रिसमस का पेड़, रंग बिरंगी रोशनिमयाँ, बंडा, जन्म के झाँकी और हॉली आदि शामिल हैं।
क्रिसमस को सभी ईसाई लोग मनाते हैं और आजकल
कई गैर ईसाई लोग भी इसे सांस्कृतिक उत्सव के रूप मे मनाते हैं। क्रिसमस के दौरान
उपहारों का आदान प्रदान, सजावट का सामान और छुट्टी के दौरान मौजमस्ती के कारण यह एक बड़ी
आर्थिक गतिविधि बन गया है और अधिकांश खुदरा विक्रेताओं के लिए इसका आना एक बड़ी
घटना है।
क्रिसमस ट्री का इतिहास
क्रिसमस ट्री को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित
हैं। एक मान्यता के अनुसार, 16वीं सदी के ईसाई धर्म के सुधारक मार्टिन लूथर ने शुरू की
थी। कहा जाता है कि मार्टिन लूथर 24 दिसंबर की शाम को एक बर्फीले जंगल से
जा रहे थे, जहां उन्होंने एक सदाबहार के पेड़ को देखा। पेड़ की डालियां
चांद की रोशनी से चमक रही थीं। इसके बाद मार्टिन लूथर ने अपने घर पर भी सदाबहार का
पेड लगाया और इसे छोटे- छोटे कैंडल से सजाया। इसके बाद बाद उन्होंने जीसस क्राइस्ट
के जन्मदिन के सम्मान में भी सदाबहार के पेड़ को सजाया और इस पेड़ को कैंडल की
रोशनी से प्रकाशित किया।