नौजवानों के हक में निर्णय लिया जाए
हमारा प्रयास है कि विधिसम्मत और संवैधानिक रूप से राज्य के बच्चों
और नौजवानों के हक में निर्णय लिया जाए। झारखंड उच्च न्यायालय से नियोजन नीति रद्द
होने के बाद से ही नौजवान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार इस पर गंभीरता से विचार
कर रही है। इसे लेकर सरकार आगे बढ़ रही है। राज्य के नौजवान जो चाहेंगे, वही होगा।
सदन में अनुपूरक बजट के कटौती
प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नियोजन नीति और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने
सरकार को घेरने की कोशिश की। यह भी कहा कि कहां साल में पांच लाख युवाओं को नौकरी
देने का वादा था और दी सिर्फ 357 नौकरियां। मुख्यमंत्री
का संबोधन आरंभ होने के पहले ही विपक्षी सदस्य सदन से बाहर चले गए। इससे पहले
विधानसभा में चर्चा के बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 के 8533 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित
हो गया।
विधायक अमित यादव ने इसके इस
प्रस्ताव के दौरान राशन कार्ड बंद होने सहित विभिन्न विसंगतियों से सदन को अवगत
कराया। सरकार की ओर से इस पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने उत्तर दिया और
सुझावों पर अमल करने की बात कही। चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने युवाओं के नौकरियों
के मुद्दे पर केंद्र सरकार को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि झारखंड के ग्रामीण
क्षेत्र के बच्चे बड़ी संख्या में सेना व बैंक में जाते हैं। केंद्र ने नौकरियों
का जो हस्र किया, उसे सबने देखा। ट्रेनें जलीं, पूरे देश में बवाल हुआ।