झारखंड के अनुसूचित जाति (SC) व अनुसूचित जनजाति(ST) वर्ग के गरीब बच्चों को अब झारखंड सरकार फ्री में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन की तैयारी कराएगी। इसके लिए "प्रेरणा' योजना की शुरुआत की गई है। इसे राज्य सरकार के कल्याण विभाग की तरफ से शुरू किया गया है।
सत्र 2022-23 से इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए 50 छात्र-छात्राओं और मेडिकल के लिए 25 छात्र-छात्राओं का चयन किया जाएगा। इनकी तैयारी की जिम्मेदारी भी स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को ही दी गई है। सरकारी स्कूल के शिक्षक अलग से कराएंगे तैयारी
इसमें योग्यताधारी शिक्षकों की सेवा ली जाएगी। जो शिक्षक आवासीय विद्यालयों या सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं उन्हें इसमें प्रतिनियुक्त किया जाएगा। इसके लिए उन्हें वेतन के साथ-साथ हर दिन 500 रुपये मानदेय दिए जाएंगे।
कल्याण विभाग ने शिक्षकों के चयन के लिए आदिवासी कल्याण आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का भी गठन किया है। यह कमेटी रांची में तैयार हुई या फिर खाली भवनों को चिन्हित करेगी। यह कमेटी कोचिंग में पढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय शिक्षक और विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की सेवा ले सकती है। यह समिति ही कोचिंग सेंटर पर चयनित छात्र-छात्राओं के रहने, उनके खाने-पीने और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित कराएगी।
प्रेरणा के तहत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के वैसे छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए कोचिंग दी जाएगी जो JAC की ओर से आयोजित आकांक्षा की प्रवेश परीक्षा की मेधा सूची में नीचे रह जाते हैं। आकांक्षा के लिए चयनित नहीं होने वाले इन कोटि के छात्र-छात्राओं को इसमें जगह दी जाएगी।