पतंजलि योगपीठ को राज्य सरकार द्वारा दी गई 15 एकड़ जमीन के व्यावसायिक उपयोग की जांच होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसकी जांच का जिम्मा रांची के उपायुक्त छवि रंजन को सौंपा है।
विभाग के संयुक्त सचिव अंजनी कुमार मिश्रा ने उपायुक्त को भेजे पत्र में कहा है कि विभाग को जानकारी मिली है कि पूर्व की राज्य सरकार ने पतंजलि योगपीठ को जो जमीन दी है, वहां पर लीज की शर्तों का उल्लंघन किया गया है।
पतंजलि की ओर से नामकुम में आचार्यकुलम के नाम से स्कूल शुरू कर व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। इस मामले की पूरी जांच की आवश्यकता है। डीसी को जांच के निष्कर्ष के साथ अपना मंतव्य भी देना है।
गौरतलब है कि आरटीआई कार्यकर्ता सुनील महतो ने आरोप लगाया था कि पतंजलि ने आयुर्वेदिक महाविद्यालय के नाम पर सरकार से मुफ्त में 15 एकड़ जमीन ली है, पर वहां पर स्कूल खोल दिया गया।
29 मार्च 2006 को राज्य कैबिनेट ने पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, हरिद्वार को आयुर्वेदिक महाविद्यालय की स्थापना के लिए 101 रुपए टोकन पर 15 एकड़ जमीन 30 वर्षों के लिए लीज पर दी थी। नामकुम अंचल के मौजा बरगावां, थाना नंबर 216, खाता नंबर 215, खेसरा नंबर 145, रकबा 9.45 एकड़ तथा खाता नंबर 221, खेसरा नंबर 148, रकबा 5.16 एकड़ जमीन पतंजली योगपीठ ट्रस्ट के पक्ष में लीज निबंधित किया गया था।
पतंजलि योगपीठ को बुंडू अंचल के मौजा दामी, खाता नंबर 101, प्लॉट नंबर 904, 907, 39 एवं 126 कुल रकबा 62.62 एकड़ भूमि सेंटर फॉर रिसर्च एंड कल्टीवेशन ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्लांट की स्थापना के लिए लीज निबंधित किया गया है।